पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार कैडर के आईएएस संजीव हंस को सात दिनों की रिमांड पर लिया है। ईडी की टीम गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे उन्हें पटना के बेऊर जेल से लेकर अपने क्षेत्रीय कार्यालय पहुंची। यहां उनसे पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की गई। पहले दिन उन्हें औपचारिक सवालों से रूबरू होना पड़ा। उनसे अवैध कमाई के स्रोत के बारे में पूछा गया। ईडी अफसरों ने जानना चाहा कि एक आईएएएस अफसर के पास महंगी घड़ियां कैसे आईं।
ईडी की अब तक की जांच और छापेमारी के दौरान बरामद जमीन-जायदाद, महंगाी गाड़ी, घड़ी समेत अन्य की खरीद का सही स्रोत संजीव हंस से पूछा गया। बरामद दस्तावेजों को उनके समक्ष प्रस्तुत कर जानकारी मांगी गई। उनके पटना स्थित सरकारी आवास से छापे के दौरान ईडी को 15 से ज्यादा महंगी घड़ियां मिली थीं। इनका मूल्य लगभग 40 लाख रुपये है। इनके बारे में जब संजीव हंस से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये घड़ियां उन्हें गिफ्ट में मिली हैं। अधिकारियों ने पूछा कि इतने महंगे गिफ्ट लेने के लिए न तो एक लोकसेवक अधिकृत है और न ही बिना किसी उचित वजह से कोई इतनी महंगी घड़ियां किसी को गिफ्ट करता है। इस पर हंस ने कोई विशेष जवाब नहीं दिया। एक कंपनी से मिली मर्सिडीज गाड़ी के बारे में भी उनसे पूछताछ की गई।
पूर्व विधायक समेत अन्य से संबंधों के बारे में भी टटोला
ईडी ने रिमांड के दौरान आईएएएस संजीव हंस से झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव, उनकी पत्नी एमएलसी अंबिका यादव, बिचौलिया पुष्पराज बजाज एवं शादाब खान, प्रवीण चौधरी, सुनील कुमार सिन्हा, रिशु कुमार आदि से उनके संबंधों की जानकारी ली गई। ईडी ने पूछा कि इन लोगों से वे कब, कैसे और कहां मिले थे? इनके साथ इतने लंबे समय से ताल्लुकात का क्या मतलब है, ये लोग इनके लिए किस तरह के काम करते हैं जैसे अन्य कई सवाल पूछे गए। इसके अलावा दिल्ली में प्रवीण चौधरी के नाम पर आनंद निकेतन कॉलोनी स्थित बंगला नंबर सी-35 खरीदने के लिए पैसे कहां से आए, बेनामी संपत्ति खरीदने की मुख्य वजह क्या थी आदि के बारे में पूछा गया।