नई दिल्ली। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आईएएस संजीव हंस से जुड़े मामले में 3 आरोपितों से सघन पूछताछ करने के बाद मंगलवार शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसमें एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) में दर्ज एफआईआर में 13 नामजद अभियुक्तों में शामिल आरोपी सुरेश सिंघला भी शामिल है। दो अन्य आरोपितों में उसका बेटा वरुण सिंघला और पवन कुमार हैं। सुरेश सिंघला सिंघला प्राइवेट लिमिटेड का पूर्व कर्मचारी है। वरुण सिंघला मातृश्रवा कंस्ट्रक्शन कंपनी में निदेशक है। जबकि इस कंपनी का मालिक पवन कुमार है। पवन पटना का रहने वाला है। इसकी कंपनी का पटना में भी कार्यालय है।
इन तीनों से पटना स्थित ईडी कार्यालय में दो दिनों तक पूछताछ की गई। कई बिन्दुओं पर स्पष्ट जवाब नहीं देने के कारण गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद जेल भेज दिया गया। अब ईडी इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जांच में सामने आया कि वरुण सिंघला और पवन कुमार जिस मातृश्रवा कंस्ट्रक्शन कंपनी में थे, इसमें करोड़ों रुपये की काली कमाई का निवेश सुरेश सिंघला के माध्यम से होता था। कंपनी के नाम पर कई स्थानों पर बंगले और जमीन है। कंपनी के खातों से संजीव हंस, उनकी पत्नी, गुलाब यादव समेत अन्य अधिकारियों के खाते में पैसे भेजे गए।
सुरेश सिंघला ने कई सरकारी विभागों खासकर ऊर्जा एवं जल संसाधन में सिंघला ग्रुप ऑफ कंपनी समेत कुछ अन्य कंपनियों को करोड़ों के टेंडर दिलाने में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। इसमें कमीशन के तौर पर करोड़ों की उगाही की और उसे मातृश्रवा कंपनी में निवेश किया। इस कंपनी में संजीव हंस समेत अन्य लोगों की अवैध कमाई का भी निवेश किया गया था। संजीव हंस की कुछ जमीन-जायदाद की खरीद में भी इस कंपनी के खाते से पैसे ट्रांसफर किए थे।