IAS IPS Vacancy: देश में 1,316 और 586 पद खाली, मोदी सरकार ने दी जानकारी…

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के क्रमश: 1,316 और 586 पद खाली हैं। जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि एक जनवरी 2024 तक 6,858 आईएएस की कुल स्वीकृत संख्या में से 5,542 अधिकारी कार्यरत थे।

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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 5,055 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 4,469 आईपीएस अधिकारी कार्यरत थे। उन्होंने कहा कि आईएएस के 1,316 रिक्त पदों में से 794 सीधी भर्ती के लिए और 522 प्रमोशन के पद हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईपीएस के 586 रिक्त पदों में से 209 सीधी भर्ती के लिए और 377 प्रमोशन के पद हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय वन सेवा (IFS) में 3,193 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 2,151 अधिकारी कार्यरत हैं।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि 1,042 रिक्त आईएफएस पदों में से 503 सीधी भर्ती और 539 प्रमोशन के पद हैं। आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से किया जाता है। जितेंद्र सिंह ने अपने उत्तर में पिछले पांच वर्षों के दौरान सामान्य, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आईएएस, आईपीएस और आईएफएस में की गई नियुक्तियों का विवरण भी शेयर किया।

जानें किस श्रेणी में हुईं कितनी नियुक्तियां
वर्ष 2022 की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के दौरान आईएएस में सामान्य श्रेणी से 75, ओबीसी श्रेणी से 45, अनुसूचित जाति श्रेणी से 29 और अनुसूचित जनजाति श्रेणी से 13 नियुक्तियां की गईं। इसी तरह इसी अवधि के दौरान आईपीएस में 83 सामान्य, 53 ओबीसी, 31 एससी और 13 एसटी नियुक्तियां की गईं। जितेंद्र सिंह द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार सीएसई 2024 के दौरान आईएफएस में कुल 43 सामान्य, 51 ओबीसी, 22 एससी और 11 एसटी नियुक्तियां की गईं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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