IAS: दिल्ली के सीनियर अफसर पर CBI का शिकंजा, फर्जीवाड़े के आरोप में FIR दर्ज, उपराज्यपाल ने दी थी मुकदमे की अनुमति
नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली के सीनियर आईएएस रहे उदित प्रकाश राय के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई ने पूर्व आईएएस (2007 बैच) उदित प्रकाश राय के अलावा उनकी पत्नी को भी आरोपी बनाया है। राय दंपत्ति पर करप्शन का मामला दिल्ली तमिल एजुकेशन एसोसिएशन (डीटीईए) के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों के उपयोग से जुड़ा है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का आरोप है कि उदित प्रकाश राय और अन्य आरोपियों ने साजिश के तहत 2021-22 में पांच लोगों की नियुक्ति प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और स्नातकोत्तर शिक्षक (पीजीटी) के रूप में करवाई। इनमें से एक नियुक्ति उदित प्रकाश राय की पत्नी शिल्पी राय की भी थी। इन नियुक्तियों में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों का उपयोग किया गया।
सीबीआई के एफआईआर में उदित प्रकाश राय के अलावा कई अन्य भी भी आरोपी बनाए गए हैं। अन्य आरोपियों में डीटीईए के मानद सचिव आर राजू, पूर्व उप शिक्षा अधिकारी शरद कुमार वर्मा, मोती बाग डीटीईए सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल गोविंदवेल हरिकृष्णा और सीपीएम पब्लिक स्कूल के प्रबंधक श्रीकांत सिंह यादव शामिल हैं।
सीबीआई ने बताया कि इस मामले में वह करीब एक साल से जांच कर रहे थे। एक साल तक प्राथमिक जांच की और फिर कार्रवाई के लिए आगे बढ़े। दावा है कि सीबीआई जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्तियां करवाईं। सीबीआई का कहना है कि सभी पांच लाभार्थियों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है। यह मामला सरकारी पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। सीबीआई ने कहा कि टीम अब इन नियुक्तियों से संबंधित दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों की गहन जांच कर रही है।
अगस्त में उपराज्यपाल ने मुकदमा चलाने की मंजूरी थी
अगस्त 2024 में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दो मुख्य सचिवों के जाली हस्ताक्षर करने के मामले में आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी थी। सतर्कता निदेशालय के अनुसार, अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच, राय ने अंडमान एवं निकोबार प्रशासन में और समीक्षा प्राधिकारी, अंडमान एवं निकोबार के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिंदो मजूमदार के के भी फर्जी हस्ताक्षर किए थे. अप्रैल 2019 से जुलाई 2019 तक, जब वे जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे, राय ने रिपोर्टिंग प्राधिकरण, अंडमान में तत्कालीन प्रधान सचिव (राजस्व) विक्रम देव दत्त और समीक्षा प्राधिकरण, तत्कालीन मुख्य सचिव चेतन भूषण सांघी के जाली हस्ताक्षर जाली बनाए.
बाद में, उन्हें शिक्षा विभाग के निदेशक के रूप में दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया. दिल्ली में तैनाती के दौरान अगस्त 2020 से मार्च 2021 के बीच राय ने अपने रिपोर्टिंग अथॉरिटी एच राजेश प्रसाद, तत्कालीन शिक्षा प्रमुख सचिव और दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव विजय कुमार देव के जाली हस्ताक्षर किए.