Hawala : विदेश भेजे 10 हजार करोड़ रुपये, 98 से ज्यादा फर्जी कंपनियां, 269 बैंक खाते खुलवाए, कई सीए और कारोबारी शामिल…

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े हवाला रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट में कई सीए और हवाला ऑपरेटर शामिल हैं। इन्होंने पिछले कुछ सालों में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का काला धन देश से बाहर भेजा है। 2 जनवरी को ठाणे, मुंबई और वाराणसी में हुई छापेमारी में कई डिजिटल और दूसरे दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों से आरोपियों के काम करने का तरीका पता चला है।

जांच एजेंसी ईडी ने बताया कि मुख्य आरोपी जितेंद्र पांडे ने 98 से ज्यादा फर्जी कंपनियां खोली थीं। उसने 269 बैंक खाते भी खुलवाए थे। इन खातों का इस्तेमाल अपराध से कमाए गए पैसों को सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड भेजने के लिए किया गया था। ईडी ने बताया कि जांच में आरटीजीसी एंट्री ऑपरेटरों का एक नेटवर्क भी सामने आया है। ये ऑपरेटर फर्जी कंपनियों के कई बैंक खातों के जरिए लेनदेन को कई स्तरों में बांटते थे। इसके बाद पार्टनरशिप फर्मों के खातों में एंट्री कराते थे। ऐसा पैसों के असली स्रोत को छिपाने के लिए किया जाता था।

फ्रेट एंड लॉजिस्टिक्स’ के कारोबार में दिखाया
कई बैंक खातों में गोल-मोल लेनदेन के बाद, आरोपियों ने 12 प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के खातों में पैसा ट्रांसफर किया। इसके बाद विदेशों में भुगतान किया गया। यह पैसा चीन से माल आयात करने के भुगतान के नाम पर देश से बाहर भेजा गया था। फर्जी कंपनियों को ‘फ्रेट एंड लॉजिस्टिक्स’ के कारोबार में दिखाया गया था और भाड़े के नाम पर विदेशों में भारी रकम भेज दी गई।

सीए भी इस रैकेट में शामिल

ईडी ने बताया कि कई सीए भी इस रैकेट में शामिल हैं। ये सीए आरोपियों को कंपनियां बनाने और आरओसी फाइलिंग जैसे नियमों का पालन करने में मदद करते थे। बता दें कि पिछले साल ठाणे पुलिस की EOW ने पांडे और दूसरे आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच अभी जारी है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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