Gandhi: इंग्लैंड के अखबार में 1931 में, यानी आज से 93 साल पहले महात्मा गांधी पर एक लेख छपा था जिसका शीर्षक था – “ दुनिया का सबसे चर्चित व्यक्ति “
सच ही गांधी दक्षिण अफ्रीका में आज से 110 बरस पहले अपने अनूठे सविनय अवज्ञा ( सत्याग्रह) व बार बार ग़लत और विषमतारारी क़ानून तोड़कर जेल जाने के कारण प्रसिद्ध हो चुके थे। 1917 में गांधी जी जब राजकुमार शुक्ल के आग्रह पर चंपारन पहुँचे थे तो हज़ारों की भीड़ उन्हें देखने सुनने आने लगी थी जबकि टीवी अख़बार की पहुँच वैसे घोर पिछड़े क्षेत्रों में लगभग शून्य थी। साक्षरता शून्य से कुछ ही ऊपर थी पर महात्मा गांधी को सब जानते थे। दुनिया में वे अपनी हत्या के बाद आज तक अर्थात् 155 साल बाद तक सबसे चर्चित इंसान रहे और आज भी हैं। दुनिया की हर प्रमुख युनिवर्सिटी व भाषा में उन पर हज़ारों शोध ग्रंथ लिखे गये हैं । एक सौ से ऊपर देशों में उनके नाम पर कोई मुख्य मार्ग, मूर्ति , स्मारक बने हैं।कितने ही राष्ट्रों की सरकारों , समाज और बुद्धिजीवियों ने महात्मा गांधी को जीवित जीसस क्राइस्ट के समक्ष माना था। पिछले 75 बरसों में गांधी के जीवन और विचार पर छपी विविध किताबों की संख्या किसी भी दैवीय अवतार या किसी भी पंथ के ईश्वर से अधिक हैं।
जिन जिन देशों में महात्मा की मूर्ति पर मोदी जी फूल चढ़ा कर आये हैं उन पर लगी स्थापना की स्मृति पट्टिका ही साबित करती हैं कि गांधी जी दुनिया में कितने पहले व कब सम्मानित हो चुके थे।
64 देशों पर राज कर रहे ब्रिटिश सम्राट के समक्ष उसके ही महल में किसकी नैतिक हिम्मत थी जो वैसा प्रत्युत्तर दे सके जो गांधी जी ने दिया जब सम्राट ने पूछा कि मिस्टर गांधी आपके कपड़े कहाँ गये ? महात्मा था जो यह कह सका कि “ मिस्टर आपने ही मेरे और मेरे देशवासियों के कपड़े चुराये हैं “ । बकिंघम महल के बाहर खड़े पत्रकारों ने भी यह प्रश्न किया कि सम्राट ने आपके वस्त्रों के बारे में नहीं पूछा ? गांधी जी का बेधड़क ईमानदार जवाब था कि “ आपके सम्राट ने ही मेरे और अपने दोनों के कपड़े पहन रखे थे”। गांधी जी लंदन की कड़कती सर्दी में घुटनों तक की धोती और ऊपर एक चादर ओढ़े नंगे पाँव चप्पल में हफ़्तों तक रहे जब उन्हें कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में गोलमेज़ वार्ता हेतु आमंत्रित किया गया था।
मोदी जी को महान वैज्ञानिक अलबर्टआइंस्टीन की वह उक्ति भी संभवतः मालूम न हो कि “ आगे आने वाली पीढ़ी शायद ही यह विश्वास करें कि हाड़ मांस में कोई ऐसा इंसान इस धरती पर आया था “ । मोदी जी को यह भी ज्ञात नहीं होगा कि भारत की आज़ादी में जिस व्यक्ति का योगदान सबसे अधिक माना गया है उसकी हत्या किस संगठन व विचार ने की ?
स्वयं को दैवीय अवतरण का कोई असाधारण व्यक्ति मानने वाले का ज्ञान स्तर ऐसा होना क्या प्रमाणित करता है ?
Rama Shankar Sing. Facebook से