Education: स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में आ रही है कमी
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से स्कूलों की व्यवस्थाओं को लेकर जो आंकड़े जारी किए गए हैं, वो चौंकाने वाले हैं. ‘यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE) प्लस’ के आंकड़ों के मुताबिक, देश के केवल 57.2 फीसदी स्कूलों में ही कंप्यूटर काम करने की हालत में हैं. इसी तरह, इंटरनेट सुविधा भी देश के सिर्फ 53.9 फीसदी स्कूलों में ही उपलब्ध है. इसी तरह, देश के 52.3 प्रतिशत स्कूलों में रेलिंग वाली रैंप लगी हैं।
जहां तक स्कूलों में एडमिशन की बात है, तो देश भर के स्कूलों में होने वाले एडमिशन में गिरावट आई है. वर्ष 2023-24 में पिछले वर्ष की तुलना में 37 लाख कम एडमिशन हुए हैं. आंकड़े बताते हैं कि 2022-23 में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 25.17 करोड़ थी, जबकि 2023-24 में यह संख्या 24.80 करोड़ है. पिछले साल की तुलना में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में 16 लाख की कमी आई है, जबकि छात्राओं की संख्या में 21 लाख की गिरावट आई है।
रिपोर्ट( 2023-24) के मुताबिक, मध्यप्रदेश के कुल 1 लाख 23 हजार 412 स्कूलों में से 3 हजार 620 स्कूलों में टॉयलेट नहीं है। वहीं 10 हजार 702 स्कूलों के टॉयलेट फंक्शनल नहीं है। यानी ये किसी काम के नहीं है। साथ ही 7 हजार 442 स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 में 9वीं से 10वीं क्लास की 15.5% और 6वीं से 8वीं तक की 6.5% छात्राओं ने स्कूल छोड़ दिया है। इनमें से ज्यादातर स्कूल ग्रामीण इलाकों के हैं।