Census: अगले महीने शुरू हो सकती है देश में जनगणना

नई दिल्ली। भारत में काफी लंबे वक्त से अटकी हुई जनगणना जल्द ही शुरू होने वाली है। रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इस साल सितंबर में जनगणना शुरू होगी जिसे पूरा होने में करीब 18 महीने लगेंगे। बता दें कि देश में हर 10 साल पर जनगणना होती है लेकिन कोविड की वजह से साल 2021 में होने वाली जनगणना नहीं हो पाई थी। जिसे अब पूरा किया जाएगा। पिछली बार साल 2011 में देश के अंदर जनगणना हुई थी।

अगर अगले महीने सितंबर में देश के अंदर जनगणना शुरू हो जाती है तो इस सर्वे को पूरा करने में करीब 18 महीने का वक्त लगेगा। जिसकी वजह से जनगणना के नतीजे मार्च 2026 तक आ सकते हैं। इस बार की जनगणना कुछ अलग तरीके से होगी। दरअसल इस बार डिजिटल तौर पर होगी। देश के नागरिकों को खुद अपनी जानकारी रजिस्टर करने का मौका मिलेगा। जनगणना की प्रक्रिया डिजिटल होने से इसके सटीक होने की उम्मीद काफी बढ़ जाएगी।

हमारे देश में जनगणना एक बार फिर से इसलिए जरूरी हो गई हैं क्योंकि साल 2011 के बाद अब तक 15 साल बीत गए हैं लेकिन अभी तक सरकार 2011 के आंकड़ों पर ही योजनाएं और नीतियां बना रही हैं। जो आज के लोगों की जनसंख्या पर कम प्रभावी हो रही हैं। बता दें कि साल 2023 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भारत ने दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनकर चीन को पीछे छोड़ दिया था। ऐसे में अगर अभी भी सरकार योजनाएं और नीतियां साल 2011 के जनसंख्या के आंकड़ों पर बनाए तो वो शायद ही देश के सभी लोगों के पास पहुंच पाए।

जनसंख्या 1.21 बिलियन या 121.1 करोड़ थी, जिसमें पुरुषों का 51.5% (623.2 मिलियन या 62.32 करोड़) और महिलाओं का 48.5% (587.7 मिलियन या 58.77 करोड़) था। उत्तर प्रदेश, 199.5 मिलियन (19.95 करोड़) की आबादी के साथ, सबसे अधिक आबादी वाला राज्य था, इसके बाद महाराष्ट्र 112 मिलियन (11.2 करोड़) के साथ था। 610,577 (6.11 लाख) की आबादी के साथ सिक्किम सबसे कम आबादी वाला राज्य था। वहीं बिहार में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व था, जबकि अरुणाचल प्रदेश में सबसे कम था। लक्षद्वीप में केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे छोटी आबादी थी। केरल में उच्चतम लिंगानुपात और साक्षरता दर थी, जबकि हरियाणा में सबसे कम लिंगानुपात और बिहार में सबसे कम साक्षरता दर थी

Exit mobile version