पटना। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बिहार में बड़ी कार्रवाई की है. एनआइए पटना ब्रांच के डीएसपी अजय प्रताप सिंह को सीबीआई ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया. डीएसपी अपने साला हिमांशु व एक अन्य एजेंट के साथ गिरफ्तार हुए हैं. 20 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए इन लोगों को पकड़ा गया. सीबीआई ने इसे लेकर हैरान करने वाले खुलासे किए हैं. दरअसल, पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के परिवार पर नक्सली कनेक्शन मामले में जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसा है. इस मामले की डील के एवज में डीएसपी करोड़ों का माल समेटने के चक्कर में थे और अपने साले के माध्यम से वो डील करवा रहे थे. जिसकी भनक सीबीआई को लग चुकी थी और गया, पटना और वाराणसी स्थिति उनके ठिकानों पर इसी सिलसिले में छापेमारी की गयी।
नक्सली मामले में 2.5 करोड़ का किया था डिमांड
एनआइए के डीएसपी अजय प्रताप सिंह व उनके साले समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी सीबीआई ने गुरुवार को गया से की है. सीबीआई की ओर से जानकारी दी गयी कि बीते 19 सितंबर को एनआइए ने नक्सली कनेक्शन के आरोप में मनोरमा देवी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान 10 हथियार समेत 4 करोड़ से अधिक कैश आदि बरामद किए गए थे. डीएसपी अजय प्रताप ने इस मामले को लेकर मनोरमा देवी के बेटे व रमैया कंस्ट्रक्शन के मालिक रॉकी यादव को 24 सितंबर केा नोटिस भेजकर पटना कार्यालय बुला लिया. रॉकी का आरोप है कि डीएसपी ने उसे नक्सली कनेक्शन में फंसाने की धमकी दी. बचने के लिए 2.5 करोड़ रिश्वत की डिमांड की थी।
साले के माध्यम से करते थे डील, नोट पर लिखकर देते थे मोबाइल नंबर
रॉकी का दावा है कि दबाव में वो तैयार भी हुआ और पहली किश्त के रूप में 25 लाख रुपए भी दे दिए. पैसे किसे देने है यह उसे एक नोट में नाम लिखकर थमा दिया था. उस एजेंट का मोबाइल नंबर भी दिया था. रॉकी का कहना है कि औरंगाबाद में 26 सितंबर को उसने पैसा हैंडओवर किया. पैसा देने के दो दिन बाद ही डीएसपी ने रॉकी को समन भेजकर फिर एनआइए दफ्तर बुला लिया. उस दिन 70 लाख की डिमांड की और कहा 35 लाख तो आज ही दे दो. फिर से उसे एक नोट में एजेंट का नंबर और नाम लिखकर थमा दिया. वसूली से तंग रॉकी ने सीबीआई के वरीय अधिकारियों को ये जानकारी दे दी. जिसके बाद सीबीआई ने डीएसपी को उसके साले व एक अन्य के साथ दबोच लिया. रिश्वत के पैसे भी सीबीआई ने रेड के दौरान डीएसपी के ठिकाने से बरामद कर लिए।
कौन हैं डीएसपी अजय प्रताप सिंह?
अजय प्रताप सिंह आयकर पदाधिकारी हैं. वर्तमान में इनकी प्रतिनियुक्ति एनआइए पटना दफ्तर में है. डीएसपी अपने साले के माध्यम से वसूली का खेल करते पकड़े गए. अपने साले को एजेंट के रूप में वो सक्रिय रखते थे. सीबीआई की रेड में ऐसे कुछ खुलासे हुए हैं।