Bihar : आलोक राज बिहार के नए डीजीपी

पटना। 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आलोक राज को बिहार का नया पुलिस महानिदेशक बनाया गया है। वह 31 दिसंबर 2025, यानी बिहार विधानसभा चुनाव कराने के बाद तक डीजीपी रहेंगे। पिछली बार वरिष्ठता के बावजूद उनका नाम दरकिनार किया गया। राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की चल रही थी। सो, 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आलोक राज के बिहार में रहते हुए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर आरएस भट्टी को बिहार का पुलिस महानिदेशक बना दिया गया था।

वरीयता सूची और रिटायरमेंट के बीच जाति का गणित!
बिहार में पदस्थापित बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारियों की सूची में सबसे सीनियर डीजी आलोक राज का नाम है। आलोक राज 31 दिसंबर 2025 को रिटायर करेंगे। सूची में उसके बाद भट्टी का नाम है, जो पिछली बार वरीयता सूची को दरकिनार कर लाए गए थे। इसके बाद 30 जून 2026 को रिटायर कर रहीं 1990 बैच की आईपीएस शोभा ओहटकर का नाम है। इसके बाद 30 सितंबर 2025 को रिटायर कर रहे 1991 बैच के विनय कुमार का नाम है। चुनाव के नजरिए से सबसे आसान चयन आलोक राज थे, फिर भी पुलिस मुख्यालय से ही गोलबंदी कर हवा उड़ाई गई कि वह डीजीपी की कांटों भरी टोपी नहीं पहनना चाहते हैं। हालांकि, ‘अमर उजाला’ से दिसंबर 2022 और अब अगस्त 2024 में भी उन्होंने इस सवाल पर इतना ही कहा कि “यह सरकार का निर्णय होता है।सरकार अपने नजरिए से फैसला लेगी।” आलोक राज का नाम चर्चा से हटाए बगैर 1991 बैच के आईपीएस विनय कुमार का नाम ऊपर नहीं लाया जा सकता था। यही हो रहा था। विनय कुमार का नाम सबसे आगे बताया जा रहा था तो साथ-साथ शोभा ओहटकर को लेकर भी सीएम के महिला सशक्तीकरण की बात कही जा रही थी। लेकिन, अब मामला साफ हो गया है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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