IAS: महिला DM की ये फोटो हो रही वायरल, पिता-पति भी हैं आईएएस अफसर..

यूपी की एक महिला DM ट्रैक्टर पर बैठी हैं. ट्रैक्टर पर बैठकर वह ग्रामीण क्षेत्र का मुआयना कर रही हैं. बताया जा रहा है कि यह तस्वीर कासगंज के ग्रामीण इलाके की है. दरअसल, वहां बरसात की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जलभराव के कारण गांव के लोगों का आना-जाना तक प्रभावित हो गया है. ऐसे में जब स्थिति का जायजा लेने जिलाधिकारी मेधा रूपम निकलीं, तो गांव के रास्ते पर इतना पानी भरा था कि उन्हें ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा।

असल में कासगंज की DM मेधा रूपम को लोगों ने जनसुनवाई के दौरान गांव गंगागढ़ में जलभराव के बारे में बताया. गांव वालों ने DM से कहा कि गांव में जगह-जगह पानी भर गया है, जिससे गांव से निकलना भी मुश्किल हो गया है. जिसके बाद DM ने हालात का जायजा लेने का निर्णय लिया. जब वह मौके पर पहुंचीं, तो वहां इतना पानी जमा था कि सरकारी गाड़ी आगे नहीं जा पा रही थी, लिहाजा कुछ लोगों ने उन्हें ट्रैक्टर का सहारा लेकर वहां पहुंचने की सलाह दी. फिर क्या था, DM साहिबा ने तुरंत बात मान ली और ट्रैक्टर पर बैठकर गंगागढ़ गांव पहुंच गईं. वहां उन्होंने अधिकारियों को तुरंत इसका हल निकालने के निर्देश दिए।

आगरा में जन्म, केरल में पढ़ाई
मेधा रूपम वर्ष 2014 कैडर की IAS अधिकारी हैं. यूं तो उनका जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ, लेकिन उनके पिता ज्ञानेश कुमार गुप्ता केरल कैडर के IAS अधिकारी थे और उनकी तैनाती केरल में होने के कारण उनकी प्रारंभिक पढ़ाई वहीं हुई. उन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई नेवल पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम से की. इसके बाद तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस स्कूल से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. मेधा रूपम ने वर्ष 2008 में 12वीं की पढ़ाई के दौरान शूटिंग सीखना शुरू किया. उनकी आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई, जहां से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया।

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शूटिंग में कमाया नाम
मेधा रूपम 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने लगीं. उन्होंने धीरे-धीरे शूटिंग प्लेयर के रूप में अपनी पहचान बना ली. उन्होंने केरल की स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और तीन गोल्ड मेडल जीते, लेकिन उनके पिता ने उन्हें IAS अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया. लिहाजा, मेधा रूपम ने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. उनकी मेहनत रंग लाई और वर्ष 2014 की UPSC परीक्षा में उनका चयन IAS के लिए हो गया. उन्होंने UPSC में 10वीं रैंक हासिल की थी. उनके पति मनीष बंसल भी IAS अधिकारी हैं. वह भी 2014 बैच के IAS अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश में ही तैनात हैं।

बरेली में मिली पहली पोस्टिंग
मेधा रूपम की ट्रेनिंग 4 जून 2015 तक चली। IAS की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद मेधा रूपम की पहली पोस्टिंग बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में हुई. इसके बाद 23 अक्टूबर 2016 को उनका ट्रांसफर मेरठ के लिए हुआ, जहां वह जॉइंट मजिस्ट्रेट के पद पर रहीं. यहां उन्होंने बागपत की एक शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद उनका तबादला उन्नाव के लिए हुआ, जहां वह जॉइंट मजिस्ट्रेट रहीं. फिर मेधा रूपम की नियुक्ति लखनऊ में यूपीएएएम के जॉइंट डायरेक्टर पद पर हुई. इसके बाद, वर्ष 2018 में उन्हें महिला कल्याण विभाग का विशेष सचिव भी बनाया गया.

12 फरवरी 2019 को उनका तबादला बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर किया गया. इसके बाद वह हापुड़ की जिलाधिकारी बनीं. 24 फरवरी 2023 को उन्हें ग्रेटर नोएडा का ACEO बनाया गया. इसके बाद उनका ट्रांसफर इसी साल जून महीने में कासगंज DM के रूप में हुआ, जहां वह अब तक कार्यरत हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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