Miss India Finalist महज 10 महीने की तैयारी में क्रैक किया UPSC, बनीं IFS अफसर… IFS Aishwarya Sheoran

ऐश्वर्या श्योराण का नाम उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. मॉडलिंग की चमक-धमक वाली दुनिया को छोड़कर सिविल सर्विस की कठिन राह चुनने वाली ऐश्वर्या ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के दम पर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चयनित होकर यह साबित कर दिया कि अगर लगन और इच्छाशक्ति हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है.

ऐश्वर्या श्योराण का जन्म 1997 में राजस्थान के चूरू जिले में हुआ था. उनके पिता कर्नल अजय श्योराण भारतीय सेना में अधिकारी हैं. एक आर्मी परिवार से आने के कारण ऐश्वर्या को बचपन से ही अनुशासन और मेहनत का महत्व समझाया गया. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूल्स में की और इसके बाद श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC), दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया.

मॉडलिंग करियर और मिस इंडिया फाइनलिस्ट
ऐश्वर्या श्योराण का झुकाव पढ़ाई के साथ-साथ मॉडलिंग की ओर भी था. उन्होंने 2014 में दिल्ली टाइम्स फ्रेश फेस का खिताब जीता और इसके बाद कई फैशन शो में हिस्सा लिया.साल 2016 में ऐश्वर्या फेमिना मिस इंडिया की फाइनलिस्ट भी रहीं. मॉडलिंग के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के बाद भी ऐश्वर्या का सपना सिविल सर्विस में जाना था. 

मॉडलिंग से सिविल सर्विस की तैयारी का सफर
मॉडलिंग की चमक-धमक छोड़कर ऐश्वर्या ने सिविल सर्विस की कठिन तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया और अन्य सभी तरह के डिस्ट्रेक्शन से दूरी बना ली और बिना कोचिंग के UPSC की परीक्षा दी.

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  ऐश्वर्या का कहना है कि उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए एक सख्त रूटीन अपनाया. वह रोजाना करीब 10-12 घंटे पढ़ाई करती थीं और उन्होंने पढ़ाई के लिए NCERT की किताबों और स्टैंडर्ड रेफरेंस मैटेरियल को फॉलो किया.

UPSC में सफलता
ऐश्वर्या ने UPSC 2019 की परीक्षा में AIR 93 हासिल की और भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चयनित हुईं. यह उनकी पहली ही कोशिश थी, जिसमें उन्होंने यह शानदार सफलता पाई. उन्होंने इस परीक्षा के लिए मजह 10 महीने ही तैयारी की थी. उनकी इस सफलता ने पूरे देश का ध्यान खींचा. मॉडलिंग की दुनिया से एक IFS अधिकारी बनने का उनका यह सफर बहुत लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना.

ऐश्वर्या का मंत्र: ‘डिसिप्लिन और डेडिकेशन’
ऐश्वर्या का मानना है कि सफलता के लिए ‘डिसिप्लिन और डेडिकेशन’ बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा सिविल सर्विस को अपना लक्ष्य माना था. मॉडलिंग मेरे लिए सिर्फ एक एक्सप्लोरेशन फेज था. लेकिन मेरा असली सपना हमेशा एक सिविल सर्वेंट बनना था.”

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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