महोबा।आल्हा में एक लाइन बचपन से सुनते आए हैं … बड़े लड़ैया महोबे वाले, जिनसे हार गई तलवार…। यहां बात तलवार की नहीं, बल्कि उस अनोखे इतिहास की हो रही है, जो प्रशासनिक क्षेत्र में बहुत कम बन पाता है। उत्तर प्रदेश के महोबा का तिवारी परिवार नौकरशाही में एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस परिवार के दो सदस्य देश के अलग-अलग राज्यों में मुख्य सचिव के पद पर रह चुके हैं, एक वर्तमान में हैं और एक कतार में हैं।
गया प्रसाद तिवारी के बेटे राजेंद्र कुमार तिवारी और देवेंद्र कुमार तिवारी क्रमशः उत्तर प्रदेश और झारखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं। वहीं, अब उनकी बहू अलका तिवारी को झारखंड की मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है, जो इस परिवार की तीसरी मुख्य सचिव बनीं हैं।
राजेंद्र कुमार तिवारी: उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के मुख्य सचिव रह चुके राजेंद्र तिवारी ने प्रशासनिक सेवा में अपनी पहचान बनाई है। उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव के रूप में उनका कार्यकाल प्रभावी और प्रेरणादायक रहा
देवेंद्र कुमार तिवारी: राजेंद्र तिवारी के छोटे भाई, देवेंद्र तिवारी झारखंड में मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। रिटायर होने के बाद भी उनका योगदान जारी है और वर्तमान में वे झारखंड के राज्य निर्वाचन आयुक्त हैं।
अलका तिवारी: देवेंद्र तिवारी की पत्नी और राजेंद्र तिवारी की भाभी, अलका तिवारी को हाल ही में झारखंड का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। वह परिवार की तीसरी सदस्य हैं जिन्होंने यह उच्च पद प्राप्त किया है।
महोबा का तिवारी परिवार का यह कीर्तिमान भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक मिसाल है। महोबा का यह परिवार न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि झारखंड और पंजाब में भी अपनी योग्यता और प्रशासनिक क्षमताओं से जाना जा रहा है।
इस तरह का उदाहरण IAS संवर्ग में बेहद कम देखने को मिलता है, जो इस परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।