Vishleshan

IAS: एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट, UPSC के लिए छोड़ा IIT, पहले प्रयास बने IAS

IMG 20240825 150431

Oplus_131072

नई दिल्ली। देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शुमार UPSC सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास करके ही IAS, IPS और IFS ऑफिसर बनते हैं. इसके बिना आईएएस बनना नामुमकिन है. इस परीक्षा को पास करने के जीतोड़ मेहनत करनी पड़ती है. आईएएस बनने के बाद कई ऐसे भी ऑफिसर हैं, जो अपने कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. ऐसे ही एक IAS Officer श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर (IAS Shrikant Kundlik Khandekar) हैं, जिन पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. श्रीकांत के साथ यह घटना तब हुई, जब पटना में आरक्षण मुद्दे पर प्रदर्शन के कारण यातायात बाधित हो गया और इसे हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।

IAS श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर पटना के SDM हैं. वह वर्ष 2020 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. बिहार के नालंदा में असिस्टेंट कलेक्टर (अंडर ट्रेनिंग) के पद पर नियुक्त हुए थे. मसूरी में फेज 1 ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा करने के बाद वर्ष 2020 में उनकी नियुक्ति हुई थी. फिलहाल वे अभी पटना में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं।

यूपीएससी में हासिल की 33वीं रैंकIAS श्रीकांत खांडेकर (IAS Shrikant Kundlik Khandekar) महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के मंगलवेढ़ा तालुका से संबंध रखते हैं. उन्होंने UPSC सिविल सेवा की परीक्षा में देशभर में 33वां रैंक हासिल किए हैं. मंगलवेढ़ा के बाबची गांव में रहने वाले उनके पिता अनपढ़ हैं, लेकिन उन्होंने उस समय बच्चों की शिक्षा के महत्व को पहचाना. उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए तीन एकड़ जमीन बेच दी, लेकिन शिक्षा में बाधा नहीं आने दी।

एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट
श्रीकांत को मालूम था कि उनके परिवार उनके लिए कितना कुछ कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की. श्रीकांत की शुरुआती शिक्षा गांव के जिला परिषद स्कूल में हुई. निंबोनी इंग्लिश स्कूल में माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने सोलापुर से 12वीं तक की शिक्षा पूरी की. उन्होंने दापोली कृषि विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इस दौरान उनका आईआईटी के लिए भी चयन हुआ, लेकिन वे यूपीएससी परीक्षा देने के अपने फैसले पर अड़े रहे।

पहले प्रयास में क्रैक किया UPSC
IAS Officer श्रीकांत ने एक साल तक पुणे में रहकर पढ़ाई की. इसके बाद वह UPSC सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. उन्होंने पहले ही प्रयास में 33वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में सफल रहे हैं. वह ओबीसी कैटेगरी में राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किए हैं।

Exit mobile version