IAS: डॉ एस सिद्धार्थ, एक आम आदमी जैसा अफसर… अलग अंदाज की चर्चा

पटना। बिहार के शिक्षा विभाग को पिछले दिनों दो अलग-अलग मिजाज के अफसर मिले। पहले कडक़ मिजाज आईएएस केके पाठक ने शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली, तो उन्होंने काफी बदलाव किए। शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधरे इसको लेकर वे हर जिले में खुद पहुंचे। जैसे वे चर्चा में थे, वैसे ही उनकी जगह अपर मुख्य सचिव के पद पर जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी डॉ एस सिद्धार्थ भी सुर्खियों में हैं।
कई बार वह सडक़ों पर अकेले घूमने भी निकल जाते हैं। पत्नी के साथ बुलेट पर भी घूमने निकल जाते हैं। फुटपाथ पर सेविंग करवाना और रिक्शा की सवारी भी करते रहते हैं। रोड पर सब्जी भी खरीदते दिखे। छठ में ठेकुआ भी बनाते हैं, जिसकी तस्वीरें वायरल हो चुकी। ये कडक़ मिजाज वाले नहीं, बल्कि सादगी और अलग अंदाज के लिए चर्चा में हैं। अभी 4 जुलाई को डॉ एस सिद्धार्थ ट्रेन में सफर कर आरा पहुंच गए। यहां स्कूलों में जाकर निरीक्षण किया। बच्चों से और शिक्षकों से व्यवस्था के बारे में पूछा। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वे अभी कैबिनेट सचिव हैं और शिक्षा के अपर मुख्य सचिव भी। साथ साथ ही कई अतिरिक्त प्रभार भी उनके पास हैं। वो एलएन मिश्रा आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान के निदेशक भी रहे हैं।
डॉ एस सिद्धार्थ 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से सूचना प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री (पीएचडी) ली। उन्होंने यहीं से 1987 में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक (बीटेक) किया। फिर आईआईएम अहमदाबाद (1989) से एमबीए भी किया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में उन्होंने अपनी दूसरी पीएचडी भी की।
दो पीएचडी समेत कई डिग्रियां: डॉ एस सिद्धार्थ के पास कई डिग्रियां हैं। साथ ही वे प्रशिक्षु पायलट भी रहे हैं। फ्लाइट उड़ाते हुए कई वीडियो और फोटो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए है। उन्हें फोटोग्राफी और पेंटिंग का भी शौक है। अपने 29 साल से अधिक के करियर में मुजफ्फरपुर, भोजपुर, औरंगाबाद और लोहरदगा के डीएम के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने भारत सरकार में भी उद्योग मंत्रालय के निदेशक के रूप में काम किया है। मुख्यमंत्री बिहार के सचिव, शहरी विकास सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, ग्रामीण निर्माण विभाग, श्रम सचिव और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव के रूप में भी काम किया।

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