IAS: Divya मित्तल ने सोशल मीडिया पर बांटा दर्द, IIT – IIM से की पढ़ाई, अब  रोते हुए बीतती हैं कई रातें

नई दिल्ली। आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों से पढ़ाई करने वाली दिव्या मित्तल ने आईएएस अफसर बनने के लिए विदेश की नौकरी छोड़ दी थी (IIT IIM Alumni). आज सोशल मीडिया पर उनका एक पोस्ट वायरल हो रहा है. 8 मार्च 2025 को महिला दिवस के खास अवसर पर आईएएस दिव्या मित्तल ने मातृत्व की चुनौतियों से जुड़ा एक पोस्ट शेयर किया था. इसमें उन्होंने आईएएस अफसर और 2 छोटी बच्चियों की मां होने की जिम्मेदारियों के बारे में लिखा।

कुछ महिलाओं को परिवार और करियर में से किसी एक को चुनना पड़ता है तो कुछ के पास दोनों को संभालने का विकल्प होता है. एक कामकाजी महिला के लिए फुल टाइम जॉब के साथ बच्चों को संभाल पाना आसान नहीं होता है. कहीं न कहीं एक को वक्त देने के लिए दूसरे को कुछ समय के लिए अनदेखा करना ही पड़ जाता है. आईएएस दिव्या मित्तल भी जिम्मेदारी की इन्हीं परेशानियों से जूझ रही हैं. उनके सोशल मीडिया पोस्ट से उनका दर्द समझा जा सकता है.


आईआईटी, आईआईएम में भी नहीं मिली ट्रेनिंग
आईएएस दिव्या मित्तल उत्तर प्रदेश के देवरिया की जिलाधिकारी हैं. यूपीएससी परीक्षा के पहले अटेंप्ट में पास होकर वह आईपीएस अफसर बनी थीं. फिर दूसरे प्रयास में आईएएस में सरकारी नौकरी मिली. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. महिला दिवस के मौके पर उन्होंने लिखा- मैं आईएएस अफसर हूं. मैंने आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई की है. यह सब अचीव करने के लिए मैंने बहुत संघर्ष किया है. लेकिन मेरी दो छोटी बेटियों की परवरिश की चुनौतियों के लिए कुछ भी मुझे तैयार नहीं कर सकी।

दुनिया की इस हरकत से परेशान
आईएएस दिव्या मित्तल ने आगे लिखा- मेरी बड़ी बेटी 8 साल की है. दुनिया अभी से ही उसकी नन्ही सी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, जब वह उनसे असहमत होती है. हम उन्हें उसकी रोशनी को कम नहीं करने दे सकते हैं. हम उसे सम्मानजनक लेकिन दृढ़ तरीके से रहना सिखा रहे हैं. उसे समझा रहे हैं कि उसकी आवाज मायने रखती है, भले ही वह कांपती हुई हो. इससे उसका आत्मविश्वास मजबूत होगा और वह दुनिया का सामना करने लायक बन पाएगी.

रोते हुए बीतती हैं कई रातें
आईएएस दिव्या मित्तल की कुछ रातें रोते हुए बीतती हैं. तब वह खुद को कमजोर और थका हुआ महसूस करती हैं. तब उनकी बेटी उन्हें गले लगाकर कहती है- आप मेरी हीरो हैं. उन्होंने लिखा- हमारे बच्चे हमें देखते हैं. वे हमारी असफलताओं से धैर्य सीखते हैं. उसे दिखाओ कि गिरना ठीक है, फिर उठना. मेरे काम ने मुझे सिखाया कि ताकत शोर नहीं मचाती. यह स्थिर होती है. उसके लिए चट्टान बनो, सहारा नहीं. उसे गिरने दो और फिर उठने दो.

हर कदम पर दो बच्चे का साथ
आईएएस दिव्या मित्तल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- बच्चे को बस यह दिखाओ कि तुम हमेशा उसके साथ हो, चाहे कुछ भी हो. मातृत्व में बहुत सारा अपराधबोध होता है. क्या मैं काफी हूं? क्या मैं गलतियां कर रही हूं? जान लो – तुम अपने तरीके से एक ऐसी दुनिया बना रही हो, जहां बच्चा कुछ भी हासिल कर सकता है. खुद को माफ करो. तुम पर्याप्त हो. अगर तुम्हारे एक से ज्यादा बच्चे हैं तो तुम्हारी जिम्मेदारी 10 गुना बढ़ जाती है. प्यार से भी ज्यादा, न्यायपूर्ण बनो.

बच्चे को बताइए अपने फैसले
आईएएस दिव्या मित्तल ने महिला दिवस के मौके पर दुनियाभर की मांओं को मैसेज दिया. उन्होंने लिखा- बच्चों को समझाओ कि आप जो भी निर्णय ले रही हैं, उसके पीछे क्या कारण है. इससे उनका दृष्टिकोण बनेगा. आपकी भूमिका चाहे जो भी हो, आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा. अगर आप हार मान लोगी तो उससे कैसे उम्मीद करोगी कि वह लड़ाई लड़ेगी. आप उसकी सबसे बड़ी रोल मॉडल हो. महानता पाने के लिए उसे पुरुष बनने की जरूरत नहीं है. उसे सिखाइए कि वह खुद के प्रति सच्ची रहे.

कामकाजी मांएं अपने बच्चों को क्या सिखाएं?
बच्चे को बताएं कि उसकी भावनाएं उसकी संपत्ति हैं. उसे सिखाइए कि सहानुभूति, प्यार और दया से दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है. जीवन कोई पॉपुलैरिटी कॉन्टेस्ट नहीं है. बच्चे को पसंद किए जाने की नहीं, बल्कि सम्मान पाने की जरूरत है. उसकी कीमत दूसरों की स्वीकृति में नहीं है. उसे केवल खुद को खुश करने की जरूरत है. उसे इतना प्यार दीजिए कि कोई भी अस्वीकृति, कोई भी आलोचना, कोई भी सामाजिक मानक उसके आत्मविश्वास को तोड़ न सके.

बच्चे की यात्रा का हिस्सा हैं हम
आईएएस दिव्या मित्तल ने खुद को भाग्यशाली बताया कि माता-पिता अपनी बच्चियों की यात्रा का हिस्सा हैं. इसलिए उसकी असफलताओं और खुशियों, सफलताओं और प्रशंसा को संजोना जरूरी है. बच्चे पर विश्वास करना चाहिए. वह आपको आश्चर्यचकित कर देगी कि वह क्या कर सकती है! उन्होंने माता-पिता के नाम पर संदेश में लिखा-


IIM से की पढ़ाई, अब रोते हुए बीतती हैं कई रातें
और पढ़ें

Exit mobile version