Western Asia संकट: पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक

नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट का असर भारत पर भी हो सकता है। दरअसल पश्चिम एशिया संकट के चलते वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढऩे की आशंका पैदा हो गई है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर भारत के खजाने पर होगा। ऐसे में हालात पर चर्चा के लिए आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इस बैठक में पश्चिम एशिया के संकट और उसके भारत पर संभावित असर को लेकर चर्चा की गई।
हाल ही में इस्राइली हवाई हमले में ईरान समर्थित हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला की मौत हो गई थी। इसके जवाब में ईरान ने बीते मंगलवार को इस्राइल पर मिसाइलों और रॉकेट्स से हमला किया। ईरान के हमले के बाद इस्राइल ने भी जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी थी। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इस्राइल, ईरान के तेल ठिकानों पर हमला कर सकता है। इसके बाद दुनियाभर में तेल की कीमतों में इजाफा होने की आशंका पैदा हो गई है। अगर ऐसा हुआ तो भारत पर इसका विपरीत असर होगा।
दरअसल भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के अनुसार,  वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत में 2 करोड़ 94 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। इसके लिए भारत सरकार ने करीब 132.4 अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि का भुगतान किया। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। यही वजह है कि अगर तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो इससे भारत के खजाने पर विपरीत असर पड़ेगा और सरकार का बजट गड़बड़ाने का आशंका है।
पश्चिम एशिया के हालात को देखते हुए मौजूदा संकट के लंबा खिंचने का डर है। यही वजह है कि ऐसी स्थिति में भारत सरकार की चिंता बढऩा स्वभाविक है।

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