स्वामित्व योजना में 46 जिलों के हितग्राहियों को मिलेंगे भू-स्वामित्व अभिलेख

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पार्वती-कालीसिंध-चम्बल और केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आठ दिन में दो बड़ी परियोजनाओं की सौगात प्रदेश को दी है। यह सौभाग्य है कि नदी जोड़ो परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन रहा है। प्रदेश में नदियों को परस्पर जोड़ने की संभावना पर भी कार्य किया जाना आवश्यक है। इससे प्रदेश के सूखे से प्रभावित क्षेत्र लाभान्वित होंगे। ऐसी परियोजनाओं के क्रियान्वयन क्षेत्र के निवासियों को परियोजनाओं के लाभों से अवगत कराने और उनसे परस्पर संवाद बनाए रखने में जन-प्रतिनिधि सक्रिय रहें और यह सुनिश्चित करें कि निजी हित या विकास विरोधी मानसिकता के कारण परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब न हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रि-परिषद के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केन बेतवा लिंक परियोजना के शुभारंभ और देश की पहली नदी जोड़ो परियोजनाओं के मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन के लिए मंत्रि-परिषद के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिनन्दन किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी का अटल ग्राम सेवा सदनों के भूमि-पूजन के लिए माना आभार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में हितग्राहियों को भू-स्वामित्व अभिलेख वितरण सम्मेलन 46 जिलों में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन कार्यक्रमों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़ेंगे। इसमें सभी मंत्रि-परिषद सदस्य व जन-प्रतिनिधि भी सम्मेलनों में शामिल हों। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि उन्नति योजना पर चर्चा करते हुए प्रदेश के किसानों को मोटे अनाजों के उत्पादन के लिए प्रेरित करने की भी अपील की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अटल ग्राम सेवा सदनों के भूमि-पूजन के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया।

जनकल्याण अभियान में स्वीकृत हुए 4 लाख 80 हजार आवेदन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री जन-कल्याण अभियान में अब तक प्रस्तावित 30 हजार 697 शिविरों में से 8 हजार 549 शिविर आयोजित हो चुके हैं। इन‍शिविरों में 6 लाख 81 हजार आवेदन प्राप्त हुए। इसमें से 70 प्रतिशत अर्थात 4 लाख 80 हजार आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना में सर्वाधिक एक लाख 98 हजार 297 आवेदन प्राप्त हुए। खसरा-खतौनी की प्रतिलिपियां प्राप्त करने, निर्माण श्रमिकों के पंजीयन, वृद्धावस्था पेंशन और पीएम किसान संबंधी आवेदन भी बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं। सर्वाधिक 94 हजार 672 आवेदन उज्जैन में प्राप्त हुए। इसी प्रकार सिवनी में 44 हजार 516, ग्वालियर में 26 हजार 609, खंडवा में 21 हजार 55 और बालाघाट में 20 हजार 189 आवेदन प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी मंत्रि-परिषद सदस्यों को प्रभार के जिलों में जनकल्याण शिविरों में भाग लेने तथा जिला स्तर पर मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान की निरंतर समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि शिविरों और अभियान का लाभ प्रत्येक पात्र हितग्राही को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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