गाजियाबाद । गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मसूरी थानाक्षेत्र से दूसरे समुदाय की किशोरी को बहला फुसलाकर ले जाने वाले आरोपी ट्यूशन टीचर को 16 साल बाद नूंह से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी पर 50 हजार रुपये का इनाम था। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने नाबालिग से निकाह कर लिया था। अब इनके तीन बच्चे हैं। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि 20 अप्रैल 2008 को डासना के रहने वाले व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी के अपहरण का मुकदमा मसूरी थाने में दर्ज कराया था। इसमें मसूरी कस्बा निवासी यूसुफ सैफी पर बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने का आरोप लगाया था। शिकायत में बताया था कि आरोपी यूसुफ पीड़ित के बेटों को ट्यूशन पढ़ाने घर आता था, जहां आरोपी का उनकी बेटी से संपर्क हुआ और फिर वह उसे भगाकर ले गया। इस मामले में पीड़ित ने यूसुफ के परिजनों को भी केस में आरोपी बनाया था, जिसके आधार पर मसूरी पुलिस ने यूसुफ के पिता सलीमुद्दीन, अन्य परिजन करीमुद्दीन, अय्यूब, अज्जू उर्फ अयाज और आरिफ तसलीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस मुख्य आरोपी यूसुफ और लड़की का पता नहीं लगा सकी थी। अब पुलिस ने यूसुफ को हरियाणा के नूंह से गिरफ्तार कर लिया है। जहां वह 16 साल पहले भगाकर लाई गई नाबालिग के साथ रह रहा था। उसके तीन बच्चे भी हैं। पुलिस का कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। आरोपी और उसकी पत्नी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को अंदेशा है कि यूसुफ ने किशोरी का धर्मांतरण कराने के बाद उससे निकाह किया होगा। हालांकि, इस संबंध में आरोपी ने कुछ नहीं बताया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है।