MP: मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के खिलाफ तिरंगा अपमान मामला हाईकोर्ट पहुंचा, याचिका मंजूर

भोपाल। प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह द्वारा गत पंद्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय ध्वज संहिता का उल्लंघन लिए जाने का मामला अदालत पहुंच गया है। नरसिंहपुर जिले के अभय बंगात्री और कौशल एस की याचिका हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है।इस पर बारह अक्टूबर को सुनवाई संभावित है।

याचिकाकर्ताओं ने तिरंगे का अपमान करने का आरोप लगाते हुए आपराधिक कानून और प्रक्रिया-12100 दंड प्रक्रिया संहिता, 1973-12102 अपराध का पंजीकरण और जांच ,  के तहत याचिका दायर की है।

असल में, नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा से विधायक और कैबिनेट मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में ‘हर घर तिरंगा’ यात्रा निकाली गई। इसमें मंत्री एक खुली जीप पर सवार थे। इस जीप के बोनट पर राष्ट्रीय ध्वज को चिपकाया गया था। जबकि भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से जारी भारतीय ध्वज संहिता 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा (2) के बिंदु 11 के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज को वाहन, रेलगाड़ी, नाव अथवा वायुयान के ऊपर, बगल अथवा पीछे से ढंकने के काम में नहीं लगाया जाएगा। इसके  विपरीत स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की मौजूदगी में जीप के बोनट पर ध्वज को चिपकाया गया। अपीलकर्ताओं के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की जगह बोनट पर चिपकाना अपमान है।

अधिवक्ताओं का मानना है कि जीप के बोनट पर राष्ट्रीय ध्वज को चिपकाना संहिता के साथ ही राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 का उल्लंघन है। इसके तहत तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। आश्चर्य कि बात ये है कि सरकार की तरफ से मंत्री को कोई हिदायत तक नहीं दी गई।

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