Supreme Court: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना होंगे भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

नई दिल्ली। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश नियुक्त होंगे। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। न्यायामूर्ति खन्ना चुनावी बॉन्ड और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से संबंधित कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का होगा। इससे एक दिन पहले वर्तमान न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ पद मुक्त हो जाएंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने आठ नवंबर, 2022 को प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया था।

न्यायमूर्ति खन्ना का प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल छह महीने से कुछ अधिक होगा और वह 13 मई, 2025 को पदमुक्त होंगे। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 11 नवंबर, 2024 से देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करती हैं।

दिल्ली में हुआ है जन्म
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ है। सीजेआई के पिता जस्टिस देव राज खन्ना भी दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी मां सरोज खन्ना एलएसआर डीयू में लेक्चरार थीं। यहीं से उन्होंने अपनी स्कूली एजुकेशन पूरी की है। साल 1980 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी। इसके बाद डीयू से लॉ में एडमिशन लिया था।

वकालत की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने साल 1983 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में बतौर एक वकील के रूप में इनरोल कराया था। शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में प्रैक्टिस शुरू की। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट में विविध क्षेत्रों में अभ्यास किया।

साल 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में हुए थे नियुक्त
साल 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के एडिशनल जज के तौर पर हुई थी। इसके बाद, साल 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए थे।

साल 2019 में मिली सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति
2006 से 2019 तक हाईकोर्ट में जज का कार्यभार संभालने के बाद 18 जनवरी, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।

कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं न्यायामूर्ति खन्ना
न्यायमूर्ति खन्ना उस पांच न्यायाधीशों वाली पीठ का हिस्सा थे। जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था। न्यायमूर्ति खन्ना निवर्तमान सीजेआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। जस्टिस खन्ना ने ही कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामलों में आरोपी अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी। वह शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एच आर खन्ना के भतीजे हैं। जो 1973 के केशवानंद भारती मामले में मूल संरचना सिद्धांत को प्रतिपादित करने वाले ऐतिहासिक फैसले का हिस्सा थे।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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