दिल्ली में अटकी प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी

भोपाल । अपनी कार्यकारिणी जल्दी घोषित करने का दावा करने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की सूची दिल्ली में अटक गई है। बताया जा रहा है कि पटवारी इस बार प्रदेश कार्यकारिणी में सीमित नाम रखना चाहते हैं, लेकिन कई नेताओं ने अपने समर्थकों को पद दिलाने के लिए दिल्ली दरबार में दौड़ लगाना शुरू कर दिया है।

समर्थकों को पद दिलाने कई नेताओं ने लगाई दिल्ली की दौड़


प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर लंबे समय से कवायद की जा रही है। जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बने करीब 8 माह का समय हो गया और उन्होंने पुरानी कार्यकारिणी को भी भंग कर दिया था। इसके बाद जल्द ही नई कार्यकारिणी घोषित होने को लेकर दावा किया गया था, लेकिन अभी तक कार्यकारिणी घोषित नहीं हो पाई है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश स्तर पर तो सूची बना ली गई है, लेकिन आला कमान की मंजूरी के इंतजार में सूची रुकी हुई है। सभी की निगाहें दिल्ली की ओर हैं। इस बार प्रदेश कार्यकारिणी में जीतू पटवारी और भंवर जितेन्द्रसिंह ने सक्रिय नेताओं को ही मौका दिया है, लेकिन कुछ नेता अपने समर्थकों को कार्यकारिणी में स्थान दिलाना चाहते हैं और इसी को लेकर उन्होंने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। बताया जा रहा है कि कल दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजयसिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और प्रदेश के कुछ नेता मौजूद थे। वहां भंवर जितेन्द्रसिंह भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि सूची को लेकर वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश के नेताओं से भी चर्चा की हैं। अधिकांश नेता चाहते हैं कि उनके समर्थकों के नाम प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी में शामिल हो जाएं, जिसको लेकर एड़ी-चोटी का जोर भी लगाया जा रहा है। पटवारी कल बुधनी विधानसभा के दौरे में ही थे। प्रदेश कांग्रेस के सूत्र कह रहे हैं कि प्रदेश की ओर से सूची फाइनल कर दिल्ली भेज दी है और अब वहां से जल्द ही कार्यकारिणी की घोषणा की जा सकती है।

नेताओं में सामजंस्य नहीं बन पा रहा


सूत्रों का तो यह भी कहना है कि जिस हिसाब से कार्यकारिणी के नाम दिए गए हैं, उसको लेकर कई नेता नाराज हैं। जीतू पटवारी और उमंग सिंघार में नामों को लेकर सामंजस्य नहीं बन पा रहा है तो कमलनाथ के क्षेत्र से कई नेता भाजपा में चले गए हैं, उनके स्थान पर नए नेताओं के नाम तलाशे जा रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि दिग्विजयसिंह इस मामले में मध्यस्थता कर मामला सुलझाने में  लगे हैं।

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