महाराष्ट्र में कुछ पकता जरुर दिख रहा है पीएम मोदी और शरद पवार के बीच
मुंबई । एनसीपी-एसपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रमुख मराठी साहित्यिक समारोह का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित कर दिया है। पवार के कदम को मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार के प्रति आभार के रूप में देखा जा रहा है। इस निमंत्रण ने शरद पवार की राजनीतिक रणनीति के बारे में अटकलों को पैदा कर दिया है, क्योंकि पिछले साल महाराष्ट्र चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद उनकी पार्टी चुनौतियों का सामना कर रही है। पीएम मोदी को अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है। इस आयोजन समिति के अध्यक्ष खुद शरद पवार हैं। यह कार्यक्रम अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल के बैनर तले आयोजित किया जाता है।
प्रधानमंत्री को दिए निमंत्रण में पवार ने कहा कि यह पहली बार है कि यह सम्मेलन दिल्ली में (21-23 फरवरी तक) आयोजित हो रहा है और याद दिलाया कि कार्यक्रम के 37वें संस्करण का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था।
पवार ने सम्मेलन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला, जो 1878 में शुरू हुआ था। तब सम्मेलन को पहली बार न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानाडे ने पुणे में ग्रंथकार सम्मेलन के रूप में आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में लोकमान्य तिलक, नामदार गोखले, वी डी सावरकर और काकासाहेब गाडगिल जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हुई हैं।
पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने हाल ही में मराठी को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने के मद्देनजर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का उद्घाटन किए जाने की उपयुक्तता पर जोर दिया। पवार ने लिखा, हाल ही में आपके कार्यकाल के दौरान मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस पृष्ठभूमि में, यह उचित होगा कि वर्ष मराठी भाषा और संस्कृति के प्रभावशाली संगम का उद्घाटन आपके हाथों से किया जाए।