भोपाल: परिवहन आरक्षक की नौकरी छोड़कर रियल एस्टेट कारोबारी बने सौरभ शर्मा के घर लोकायुक्त के छापे में 8 करोड़ रुपए की चल संपत्ति का पता चला है। अचल संपत्ति का मूल्यांकन अभी बाकी है। भोपाल समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी अचल संपत्ति मिलने की संभावना है। इसके लिए पुलिस दस्तावेजों की जांच कर रही है। शर्मा के ई-7 स्थित आवास और दफ्तर पर गुरुवार सुबह 7 बजे से छापेमारी शुरू हुई और शुक्रवार शाम को पूरी हो गई। पुलिस ने दूसरे दिन दस्तावेज जुटाए। छापेमारी में 234 किलो चांदी और 2 करोड़ 85 लाख रुपए नकद मिले हैं।
चेतन सिंह गौर से पूछताछ:
गाड़ी, घर और दफ्तर में मौजूद संपत्ति की कीमत 8 करोड़ रुपए है। लोकायुक्त पुलिस इस मामले में शर्मा के करीबी चेतन गौर से भी पूछताछ कर रही है। हालांकि सौरभ शर्मा पुलिस को घर पर नहीं मिले हैं। इस बारे में भी पुलिस को अलग-अलग जानकारी मिली है। परिजनों ने पुलिस को बताया है कि वह दुबई में हैं। पुलिस को यह भी संदेह है कि शर्मा की कुछ संपत्ति या पैसा विदेश में भी हो सकता है। जब्त दस्तावेजों की जांच के बाद सही स्थिति का पता चलेगा।
कई मंत्रियों के करीबी रहे हैं सौरभ:
सौरभ शर्मा 2015 में पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के जरिए पुलिस आरक्षक बने थे। 2022 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर रियल एस्टेट का कारोबार शुरू किया। भोपाल की पॉश कॉलोनी ई-7 में उनका आवास और दफ्तर है। परिवहन विभाग में काम करने के दौरान सौरभ एक-दो मंत्रियों के करीबी बन गए थे। एक मंत्री के विभाग छोड़ते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उन्हें कार्रवाई का डर था।
यहां कार में मिला सोना और नकदी:
आयकर विभाग को पुलिस से एक लावारिस कार की सूचना मिली थी। अधिकारी और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। कार का शीशा तोड़कर गेट खोला गया तो बड़े बैग में 500, 200 और 100 रुपये के नोटों की गड्डियां रखी हुई थीं। एक अन्य बैग में सोने के बिस्किट रखे हुए थे।
बिस्किट पर ही एक किलो वजन लिखा हुआ है। ऐसे 54 बिस्किट मिले हैं। इसके बाद आयकर अधिकारियों की दूसरी टीम 30 पुलिसकर्मियों के साथ पहुंची। मौके पर मशीन से गिनती की गई। बरामद कार पर आरटीओ लिखी पट्टी और दो हूटर लगे हैं। सोने की कीमत 35 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी जा रही है। जिस कार में यह सोना मिला है, वह सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर की बताई जा रही है।
आयकर विभाग:
आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में एडीजी लोकायुक्त से बात की है और यह पता लगाने की कोशिश की है कि यह पैसा किसका हो सकता है। अगर सोने की जांच में पता चलता है कि यह विदेश में बना है तो डीआरआई भी इसकी जांच करेगी। आयकर आकलन पूरा होने के बाद ईडी भी इसमें प्रवेश कर सकती है। वे भी इसे जांच के दायरे में ले सकते हैं।