नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद सीहोर जिले के परमार दंपती ने आत्महत्या कर ली थी। पिछले महीने भोपाल में ईडी की छापेमारी के बाद जयश्री गायत्री कंपनी की डायरेक्टर पायल मोदी ने आत्महत्या का प्रयास किया था। ईडी की कार्रवाई के बाद सुसाइड के इन मामलों और आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से मिली करोड़ों रुपए की नगदी और सोना चांदी का मामला राज्यसभा में उठा है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अशोक सिंह ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा- इमरजेंसी की बहुत बात की जाती है लेकिन, आज देश में क्या हो रहा है। मध्य प्रदेश में जिन लोगों के उन्हीं व्यक्तियों के यहां ईडी ने छापे मारे गए जिन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने भाग लिया था और सहयोग किया था। एक परिवार के बच्चे ने तो केवल गुल्लक भेंट की थी उस परिवार के यहां ईडी का छापा पड़ा और बच्चों के माता-पिता को आत्महत्या करनी पड़ी।
एक आरक्षक के यहां तीन एजेंसियों ने छापा मारा, करोड़ों मिले
अशोक सिंह ने कहा- भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। अभी मध्य प्रदेश में एक छापा पड़ा जिसमें ईडी, आईटी और लोकायुक्त तीनों संगठनों ने छापा मारा था। परिवहन विभाग के पूर्व कर्मचारी से 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, सोना, नगदी आदि जब्त हुई। अभी हाल ही में एक उद्योगपति की पत्नी ने आत्महत्या का प्रयास किया, क्योंकि उसकी फैक्ट्री पर केंद्र सरकार के किसी मंत्री के रिश्तेदारों ने कब्जा कर लिया था।
शिवराज के इलाके में डीएपी की कालाबाजारी हुई
अशोक सिंह ने कहा- इसी सदन में एक सदस्य ने कहा था जब रुपए की कीमत घटती है तो प्रधानमंत्री की गरिमा गिरती है। अभी क्या हो रहा है मुझे नहीं पता। लेकिन लगातार डॉलर की कीमत बढ़ती जा रही है। उसके बारे में सरकार को स्पष्ट नीति अपनानी चाहिए। मप्र में कांग्रेस की सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन शुरू की थी। उस वक्त वो 300 रुपए प्रतिमाह थी। आज भी 300 रुपए है। लगातार मंहगाई के चलते क्या वृद्ध जनों का तीन सौ रुपए में गुजारा हो सकता है? ये सोचना चाहिए। भारत सरकार के कृषि मंत्री भी मप्र से आते हैं। मप्र में डीएपी की कालाबाजारी हुई। खाद का लगातार संकट रहा। यहां तक कि कृषि मंत्री के क्षेत्र में भी डीएपी की कालाबाजारी हुई।
आंकड़ों और डेटा से गरीबों को छलने का प्रयास किया जा रहा
अशोक सिंह ने कहा बजट में आंकड़े और डेटा के जरिए देश के गरीब और मध्यम वर्ग को फिर से छलने का प्रयास किया जा रहा है। मैं मध्य प्रदेश के ग्रामीण अंचल ग्वालियर से किसान परिवार से आता हूं। मैं आंकड़ों के मायाजाल से अलग गरीब आदमी के भोजन की थाली पर बात करना चाहता हूं। एक तरफ 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन देने की बात कही जा रही है, दूसरी तरफ 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर करने की बात कही जा रही है। कौन सी बात सही है यह तो वित्त मंत्री ही बता पाएंगी।
आयकर सीमा 12 लाख तक बढ़ाने के लिए धन्यवाद। लेकिन 12 लाख की आयकर की छूट में मात्र 3 करोड़ लोग टैक्स पेयर हैं। 137 करोड़ लोगों की सुविधाओं के लिए बजट में बात नहीं की गई है। गरीब, मध्यम वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के लिए जो निर्णय लिए गए हैं, वह नाकाफी हैं। आज भी किसानों को कड़ाके की ठंड में डीएपी और खाद के लिए रात-रात भर लाइन में लगना पड़ता है। किसान पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। किसानों के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं है। हमारी मांग है कि यूपीए सरकार ने किसानों का 72000 करोड़ कर्ज एक मुश्त माफ किए थे, वैसे माफ किए जाएं।