RSS: अगर जरूरत है तो होनी चाहिए जाति जनगणना लेकिन… पलक्कड़ की बैठक में संघ ने समर्थन के दिए संकेत

तिरुवनन्तपुरम। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जातीय जनगणना की राजनीति, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा और देश में महिला के खिलाफ उत्पीड़न पर चिंता जताई है। पलक्कड़ में आयोजित बैठक के तीसरे दिन आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि अगर पिछड़े समाज के कल्याण के लिए जातीय जनगणना करने की जरूरत है तो सरकार इसे करा सकती है, मगर इसका चुनावी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में जाति एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना सिर्फ उन समुदायों और जातियों के कल्याण के लिए ही होना चाहिए। चुनाव प्रचार में इसका राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

जाति की राजनीति की चुनौती
पलक्कड़ में आरएसएस की बैठक के तीसरे दिन जातीय राजनीति से मुकाबले के लिए फिर हिंदुत्व का खाका तैयार किया गया। इस बैठक में बीजेपी समेत 32 अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद आरएसएस के सभी संगठनों की यह पहली कोर्डिनेशन बैठक है। बैठक में जातीय राजनीति और सामाजिक चुनौतियों से मुकाबले के लिए पंच परिवर्तन का आह्वान किया गया। बैठक में यह तय किया गया कि देश के लोगों को अपने राष्ट्र के गौरव के साथ कर्तव्यों के लिए भी तैयार करना जरूरी है, इसके लिए पंच परिवर्तन का संकल्प लिया गया। बैठक में नागरिक कर्तव्य, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय स्वत्व देशव्यापी परिवर्तन अभियान चलाने पर सहमते बनी।

बांग्लादेश पर भी हुई चर्चा
आरएसएस के राष्ट्रीय समन्वय सम्मेलन में बंगाल में हिंदुओं के उत्पीड़न पर लंबी चर्चा हुई। आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि समन्वय बैठक में बांग्लादेश की स्थिति पर विभिन्न संगठनों ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को लेकर हर कोई चिंतित है। आरएसएस ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है।

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आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक में कोलकाता रेप केस और महिला अपराध पर चर्चा हुई। राष्ट्रीय समन्वय सम्मेलन में पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना की निंदा की गई तथा इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया गया। सुनील आंबेकर ने सोमवार को बताया कि अत्याचार का शिकार होने वाली महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा करने की जरूरत है

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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