पहली बार चुनाव लड़ रही प्रियंका गांधी ने लिखा जा आता के नाम खुला खत..

राहुल और वायनाड के रिश्ते को मजबूत करूंगी

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के लोगों को ओपन लेटर लिखकर कहा- मैं राहुल और वायनाड के रिश्ते को मजबूत करूंगी। उन्होंने एक्स पर शेयर किए गए लेटर में लिखा- जन प्रतिनिधि के रूप में यह मेरी पहली यात्रा रहेगी, लेकिन फाइटर के रूप में यह मेरी पहली यात्रा नहीं होगी। प्रियंका ने कहा कि कुछ महीने पहले, मैं अपने भाई के साथ चूरामाला और मुंदक्कई गई थी। मैंने भूस्खलन से हुई तबाही और नुकसान को देखा। मैं उन बच्चों से मिली, जिन्होंने अपने परिवारवालों को खो दिया था। मैं उन माताओं से मिली, जो अपने बच्चों और परिवारों के लिए शोक मना रही थीं, जिनका पूरा जीवन प्रकृति के प्रकोप में बह गया था। फिर भी, आप पर आई त्रासदी के अंधेरे के बीच, जो चीज मुझे दिखाई दी, वह थी एक समुदाय के रूप में आप लोगों का साहस और धैर्य। आप एक ऐसी ताकत के साथ एकजुट हुए, जो मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। डॉक्टर, जन प्रतिनिधि, स्वयंसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, नर्स, हाउस वाइफ, हर कोई एक-दूसरे की मदद करने के लिए जो कुछ भी संभव था, कर रहा था।

प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि कोई भी एक-दूसरे पर दोष नहीं मढ़ रहा था। गुस्से में कोई नहीं था। कोई भी लालच नहीं दिखा रहा था। इतनी बड़ी त्रासदी की लाचारी में भी आप लोग सहयोग कर रहे थे। एक-दूसरे को सांत्वना दे रहे थे और मानवता के उच्चतम मानकों तक बढ़ रहे थे। आपकी बहादुरी ने मुझे गहराई से छुआ। जब मैं घर लौट रही थी, तब मुझे लगा कि संसद में आपका प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी। आपसे सीखना, आपके जीवन और आपके सामने आने वाली चुनौतियों को समझना और इस साहसी समुदाय का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात होगी। आप लोग एक-दूसरे का सम्मान करना और कठिन समय में मजबूती से खड़ा होना जानते हैं।

राहुल ने वायनाड के लोगों की चुनौतियों के बारे में बताया
प्रियंका ने कहा कि राहुल ने गर्व और दुख के साथ मुझसे वायनाड से लडऩे के लिए कहा। आपके मूल्यों, आपकी संस्कृति और राहुल के साथ आपके गहरे रिश्ते को लेकर राहुल को गर्व था, लेकिन आपको छोडक़र जाने का उन्हें दुख भी था। मैंने उनसे वादा किया कि मेरा काम इस रिश्ते को और मजबूत करेगा। मैंने राहुल से कहा कि संसद में जिस तरह से आप प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं, उसी तरह से मैं प्रतिनिधित्व करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगी। उन्होंने मुझे आपके संघर्षों के बारे में विस्तार से बताया और वायनाड में ध्यान देने और समाधान की आवश्यकता वाले कई मुद्दों के बारे में जानकारी दी। राहुल खेती और आदिवासी समुदायों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में चिंतित थे। मुझे उम्मीद है कि मैं इन चुनौतियों का सामना करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करूंगी। राहुल और मैं मिलकर आपकी क्षमताओं को बढ़ाने और आपके भविष्य को मजबूत बनाने के लिए नए अवसर पैदा करने की दिशा में काम करेंगे।

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