प्रधानमंत्री मोदी 21-22 दिसंबर को कुवैत के दौरा पर जा रहे हैं. कुवैत के अमीर के निमंत्रण उनका यह दौरा हो रहा है. 42 वर्षों बाद किसी पीएम की यह कुवैत यात्रा है. पीएम मोदी की कुवैत यात्रा द्विपक्षीय संबंधों की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
विदेश मंत्रालय के आला अधिकारी ने बताया कि कुवैत में दस लाख भारतीय मौजूद हैं. प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे और लेबर कैंप का भी दौरा करेंगे, ताकि उनको यह संदेश जाए कि भारत सरकार की प्राथमिकता में वो लोग हैं.
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को Al Abdullah Indoor Sports Complex में करीब 4000-5000 भारतीय लोगों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री उसके बाद गल्फ कप फुटबॉल के ओपनिंग सेरेमनी में भाग लेंगे.
अगले दिन यानी रविवार को आधिकारिक कार्यक्रम होगा, जिसमें कतर के अमीर और क्राउन प्रिंस से मुलाकात होगी. इस मुलाकात के दौरान विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होगी. विदेश विभाग के आला अधिकारी ने कहा कि निवेश से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा होने के आसार हैं.
जानें पीएम मोदी का कुवैत दौरा कैसे है खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुवैत यात्रा अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इससे द्विपक्षीय संबंधों के अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर तीन महत्वपूर्ण तथ्यों के संदर्भ में. सबसे पहले, यह यात्रा 42 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद कुवैत की हो रही है.
दूसरे, यह खाड़ी क्षेत्र का एकमात्र देश है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक दौरा नहीं किया है और तीसरा, दोनों पक्षों के बीच, यदि आप देखें तो, यह पिछले एक दशक में पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. बता दें कि कुवैत के अंतिम प्रधानमंत्री ने 2013 में भारत का दौरा किया था, इसलिए यह यात्रा बहुत खास है.
कुवैत में भारतीय समुदाय से बातचीत करेंगे पीएम
दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के प्रधानमंत्री शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह से मुलाकात करेंगे. इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और कुवैत में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे.
बता दें कि भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है. कुवैत कच्चे तेल का छठा सबसे बड़ा आयात स्रोत है. वहीं, कुवैत के लिए, भारत से खाद्य उत्पाद उनकी खाद्य सुरक्षा को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं. निर्यात के संदर्भ में द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हो रही है. पिछले साल पहली बार 2 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ है.