भोपाल : मध्यप्रदेश और राजस्थान को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने वाली पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिये त्रि-स्तरीय अनुबंध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आज जयपुर में हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के स्वप्न को साकार करने प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच समझौता कराते हुए पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को मूर्त रूप दिया। यह परियोजना मध्यप्रदेश के देवास, गुना, शिवपुरी, सीहोर, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिये भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आने के साथ उनकी फसलें भी लह-लहा उठेंगी।
सोनकच्छ क्षेत्र का एक खेत भी ऐसा नहीं रहेगा जहां पानी न पहुँचे
देवास जिले में जिला स्तरीय किसान सम्मेलन टोंकखुर्द के मंडी प्रांगण में नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में हुआ। मंत्री विजयवर्गीय ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इतनी बड़ी योजना की सौगात दी है कि सोनकच्छ क्षेत्र का एक खेत भी ऐसा नहीं रहेगा जहां पर पानी नहीं पहुंचेगा। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के अंतर्गत रणजीत सागर कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना से किसानों के खेत में पानी पहुँचेगा तो किसान चार-चार फसल ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान भाई रसायनिक खाद से बचे और जैविक खेती की और रुख करें। रासायनिक खाद के उपयोग से गांव-गांव तक शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी पहुँच रही है।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार किसान, महिला सशक्तिकरण, गरीब और युवाओं के कल्याण के लिए तेजी से कार्य कर रही है। स्व-सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवास जिले की ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़ा जाएगा।
36 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिंचाई
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना अंतर्गत रणजीत सागर कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना अनुमानित लागत 02 हजार 182 करोड़ रूपये है। रणजीत सागर कॉम्पलेक्स सिंचाई परियोजना से 36 हजार 500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इससे 74 गाँव लाभान्वित होंगे, जिसमें देवास जिले के 68 गांव और उज्जैन जिले के 6 गांव शामिल है। इस परियेाजना से मुख्य रूप से देवास जिले में सिंचाई, पेयजल, मत्स्य पालन और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में देवास जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे।