MP: सिंधिया के टारगेट वाले बयान पर दिग्विजय बोले-ज्योतिरादित्य बच्चे हैं, माधवराव सिंधिया को मैं कांग्रेस में लाया….
भोपाल। मध्य प्रदेश में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से मिले 52 किलो सोना और करोड़ों की नगदी के मामले पर पक्ष-विपक्ष में वार-पलटवार हो रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भोपाल में कहा- मैं और अर्जुन सिंह हम लोग ही माधवराव सिंधिया को सन् 1979 और 80 में कांग्रेस में लाए थे। संजय गांधी, इंदिरा जी से मिलवाया था। माधव राव महाराज के समय उनको जो भी सम्मान मिला, केन्द्र में मंत्री बने, पार्टी में महामंत्री बने। उनको पूरी इज्जत दी वो कांग्रेस ने दी। मेरा उनसे कोई विवाद न कभी था न कभी रहा। क्योंकि, उनको कांग्रेस में लाया था। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया बच्चे हैं।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पिछले हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि, कमलनाथ जी की सरकार में गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन विभाग देने का सिंधिया जी की ओर से बहुत प्रेशर था। ये दबाव क्यों था ये तो सिंधिया जी ही बता सकते हैं। दिग्विजय सिंह के इस बयान पर बीते बुधवार को ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था-दिग्विजय सिंह मुझे कब टारगेट नहीं करते? ये कोई नई बात है क्या? दिग्विजय सिंह की जिंदगी चली गई है, मुझे और मेरे पूज्य पिताजी को टारगेट करते-करते। मैंने कभी राजा साहब को टारगेट नहीं किया। आज भी मिलता हूं तो मैं प्रणाम ही करता हूं। जिसकी विचारधारा जो हो, वह उसी आधार पर अपनी लाइन खींचे। मेरी विचारधारा जनता की सेवा करने की है। वो मेरा टारगेट है।
दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था पत्र
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापा के दौरान मिली नकदी, सोना और कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज के बाद दिग्विजय सिंह ने इस मामले को लेकर 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था।
पत्र में दिग्विजय सिंह कहा था- ‘सौरभ शर्मा नाम के जिस पूर्व आरक्षक पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है, उसे सागर निवासी पूर्व परिवहन मंत्री का सीधा संरक्षण प्राप्त था। मुझे जानकारी मिली है कि सौरभ शर्मा पूर्व परिवहन मंत्री के परिवार के सदस्य की तरह बंगले पर बैठता था। जहां वकील साहब के नाम से मशहूर संजय श्रीवास्तव के साथ बैठकर पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के करोड़ों रुपए के लेन-देन का हिसाब किताब रखता था।’