Nitin Gadkari: देश में ईवी सब्सिडी खत्‍म होने वाली है…? गडकरी के बयान से गरम हुआ अटकलों का बाजार?

नई दिल्‍ली। भारत के ल‍िए कच्चे तेल (क्रूड ) के आयात में 25% की कटौती करना मुश्किल होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ब्लूमबर्ग एनईएफ समिट में गुरुवार को यह बात कही। गडकरी ने इस दौरान एक और ऐसी बात कही जिससे अटकलों का बाजार गरम हो गया। उन्‍होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर सब्सिडी की जरूरत नहीं है। अब लोगों को इन वाहनों को अपनाना शुरू कर देना चाहिए। इसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जानें लगीं कि क्‍या देश में ईवी सब्सिडी खत्‍म होने वाली है।

गडकरी बोले, भारत तेल की खपत वाला देश है। जहां जीवाश्म ईंधन का बाजार बहुत बड़ा है। ऐसे में कच्चे तेल के आयात में कटौती करना आसान नहीं होगा। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 87.7% हिस्सा आयात किया था।

लिथियम-आयन बैटरी होगी सस्‍ती
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल वाहनों पर जीएसटी 28% है। ईवी के लिए यह 5% है जो प्रोत्साहन के तौर पर काफी है। जब इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी तो लागत कम होगी। लिथियम-आयन बैटरी की लागत घटेगी। जब लिथियम-आयन बैटरी सस्ती होगी तो पेट्रोल और डीजल वाहनों की कीमत बढ़ जाएगी।

गडकरी ने कहा कि तकनीक के साथ ईवी सेक्टर बढ़ रहा है। भारत में जल्द ही बेहतर ईवी चार्जिंग पॉइंट इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। मंत्रालय ट्रकिंग क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने पर काम कर रहा है। राजमार्गों पर बस स्टॉप पर जल्द ही इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट होंगे, ताकि लंबी दूरी की ई-बसों को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े। हरित ऊर्जा में देश की क्षमता के बारे में बात करते हुए गडकरी बोले कि वह चाहते हैं कि भारत अगले पांच वर्षों में लिथियम-आयन बैटरी का टॉप निर्माता बने।

भारत कम लागत वाला देश
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य देश को हरित-ईंधन वाले ऑटोमोबाइल का शीर्ष उत्पादक बनना है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन और CNG से चलने वाले वाहन शामिल हैं। ऑटोमोबाइल कंपनियां भारत में निर्माण के लिए आकर्षित होंगी क्योंकि यह एक कम लागत वाला देश है।उन्होंने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में देश की सकारात्मक संभावनाएं हैं। यहां उत्पादन, श्रम और कच्चे माल की लागत कम है। ऑटो कंपोनेंट की लागत में 30-40% की कटौती होगी। ऑटोमोबाइल के आयात में यहां से सालाना कमी आएगी।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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