MP- बीना की विडंबना: न बीना जिला बना, न राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ी… एक की विधायकी खतरे में

भोपाल । सागर जिले में 8 विधायक हैं। इनमें से एक मंत्री व दो पूर्व मंत्री सहित तीन वरिष्ठ विधायक व दो पहली बार बने विधायक हैं। 7 भाजपा से व 1 कांग्रेस से हैं। जो कांग्रेस से हैं वे भाजपा की राह पर हैं, यानी सभी उसी दल से हैं जिसके मुख्यमंत्री हैं। बावजूद इसके सालभर में जिले में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं आई है। लंबे समय से चल रही बीना, खुरई को जिला बनाने की मांग पूरी नहीं हुई है। स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी शुरू नहीं हुआ है। उस पर विधायक निर्मला सप्रे की विधायकी खतरे में पड़ गई है।

बीना विधानसभा से एकमात्र कांग्रेस से चुनकर भाजपा में आईं विधायक निर्मला सप्रे जिला बनवाने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन अब तक यह घोषणा पूरी नहीं हुई है। विधायक सप्रे ने अपने स्तर पर हर तरह से प्रयास किए, घोषणा भी होने वाली थी लेकिन अटक गई। सीएम भी क्षेत्र के दौरे पर आए, उनसे क्षेत्र की जनता बड़ी उम्मीद भी कर रही थी, लेकिन विधायक कोई बड़ी घोषणा क्षेत्र के लिए नहीं करा पाई हैं। वहीं खुरई विधानसभा से विधायक व पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह से क्षेत्र की जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। बीती सरकार में सिंह सीएम के बाद प्रमुख मंत्री थे, इसलिए जनता को बड़ी आशाएं होना स्वाभाविक है, लेकिन अब तक इन आशाओं व उम्मीदों के लिए ज्यादा कुछ नहीं हुआ है। रोजगार देने वाले उद्योग धंधे आदि नहीं आए हैं। हालांकि अब तक पूर्व मंत्री सिंह ने ऐसी कोई मांग भी सीएम के सामने नहीं रखी है। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में आए और विधायक बने बृजबिहारी पटैरिया के क्षेत्र देवरी में तो स्वास्थ्य व्यवस्थाएं तक चरमराई हुई हैं। देवरी में एक बड़े स्वास्थ्य केंद्र सिविल अस्पताल की तरह सेवाओं की जरूरत है लेकिन फिलहाल यहां ऐसा नहीं हो पा रहा है। रात में गर्भवती महिलाओं को तक सागर जिला अस्पताल तक आना पड़ता है। गांवों की स्थिति तो और खराब है।

उद्योगों की बात ही होती रही, जमीन पर नहीं आए
उद्योग क्षेत्र नरयावली विधानसभा क्षेत्र में आता है, यहां उद्योग लगवाने का दावा विधायक इंजीनियर प्रदीप लारिया करते रहे हैं। जनता को नए उद्योग लगवाने का भरोसा भी देते रहे ताकि बेरोजगारी जैसी समस्याओं को दूर किया जा सके, इस पर सालभर बात भी खूब हुई। उद्योगों के कॉन्क्लेव भी हुए। निवेश के आंकड़े भी दिए, हालांकि यह अब तक जमीन पर नहीं आए हैं। बंड़ा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने वीरेंद्र सिंह लोधी ने प्राचार्य की अनियमितताओं की जांच व कार्रवाई के लिए लिखा है। अब तक यह मामला अंजाम तक नहीं पहुंचा है। बंडा नगर पालिका में भी बड़ी हेराफेरी की गई थी, इस मामले को विधायक ने विधानसभा में भी उठाया था। बावजूद इसके बीते एक साल में ज्यादा कुछ हुआ नहीं है। पहले से शुरू काम ही चल रहे हैं।

स्वीकृत रूटीन काम ही हो रहे
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र में भी रूटीन काम हो रहे हैं या पिछली विधानसभा के दौरान स्वीकृत हुए कामों को कराया जा रहा है। बीती सरकार में प्रमुख मंत्री होने के नाते जनता बड़ी आशाएं लेकर चल रही है। अब तक कोई नया काम क्षेत्र में नहीं आया। वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री होने के नाते बड़े उद्योग की उम्मीद थी, वादे भी हुए, लेकिन अब तक यह उम्मीद पूरी नहीं हुई।

सुरखी क्षेत्र में भी कोई बड़ी उपलब्धि नहीं
जिले की 8 विधानसभा में एक सुरखी विधायक प्रदेश शासन में मंत्री हैं। सरकार में अहम भूमिका में हैं बावजूद इसके बीते एक साल में मंत्री का क्षेत्र होने के बाद एक बड़ी उपलब्धि नजर नहीं आती है। रूटीन काम सभी बेहतर हो रहे हैं, अफसर कर्मचारी काम कर रहे हैं। रीजनल कॉन्क्लेव में डाटा सेंटर के नाम पर बड़ा निवेश होने की उम्मीद भी बंधी है लेकिन वह भी विवादित है।

सागर में सुपर स्पेशियलिटी सेंटर की जरूरत
सागर शहर में मेडिकल कॉलेज है। यहां लंबे समय से सुपर स्पेशियलिटी सेंटर शुरू करने की जरूरत महसूस की जाती रही है। जनप्रतिनिधि इसके लिए आश्वासन भी देते रहे लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हो पाया है। सागर विधायक शैलेंद्र जैन भी इसके लिए प्रयासरत हैं। कैंसर के इलाज के लिए भी यूनिट शुरू होना है। विधायक जैन राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़वाने के लिए प्रयासरत रहे हैं।

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