इंदौर
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में एमसीए (मास्टर्स ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) डिग्री धारकों को कंप्यूटर साइंस विषय के लिए अयोग्य करार दिया गया है। इस फैसले से सैकड़ों अभ्यर्थियों में नाराजगी है, क्योंकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में एमसीए को एमएससी कंप्यूटर साइंस के समकक्ष माना जाता है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) और यूजीसी नेट में कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन एक ही विषय के रूप में शामिल है। इन परीक्षाओं में एमसीए और एमएससी, दोनों डिग्रीधारी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन एमपीपीएससी की भर्ती में एमसीए को अयोग्य ठहराया गया है। उच्च शिक्षा विभाग की अन्य भर्तियों में सह विषय की सुविधा दी गई है, जिससे संबंधित डिग्री धारक भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन कंप्यूटर साइंस में ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई, जिससे एमसीए अभ्यर्थियों के लिए नौकरी के अवसर सीमित हो गए हैं।
… फिर भी भर्ती में रोक
वर्तमान में शासकीय और निजी कॉलेजों में एमसीए डिग्रीधारी अतिथि विद्वान के रूप में पढ़ा रहे हैं। एमएससी आइटी और एमएससी कंप्यूटर साइंस वाले भी पढ़ाने की अनुमति रखते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब कॉलेजों में एमसीए डिग्रीधारी को पढ़ाने की अनुमति है तो असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में उन्हें अयोग्य क्यों ठहराया गया?
एमसीए को एमएससी कंप्यूटर साइंस के समकक्ष मानें
अभ्यर्थियों का कहना है कि एमसीए को एमएससी कंप्यूटर साइंस के समकक्ष माना जाए और भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए। यदि एमसीए को भर्ती में पात्रता नहीं दी गई तो वे न्याय के लिए आगे कदम उठाने को मजबूर होंगे। वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जून में परीक्षा प्रस्तावित है। ऐसे में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाना जरूरी है।
Source : Agency