भोपाल
पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट प्रदेश को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। प्रदेश को एक समृद्ध और आधुनिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की यह ऐतिहासिक कदम है। राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि बजट में पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व क्षेत्र को और सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक प्रावधान किए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश को पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व के लिए कुल 1,610 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 133 करोड़ रूपये अधिक है।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर में ‘ओंकारेश्वर महालोक’ का निर्माण किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को आधुनिक और भव्य सुविधाएँ मिलेंगी। आचार्य शंकर अद्वैत वेदान्त संस्थान-अद्वैत वेदान्त के प्रणेता आचार्य शंकर के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए संग्रहालय और अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापना की जा रही है। वेदान्त पीठ की स्थापना के अंतर्गत 500 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है
श्रीकृष्ण पाथेय योजना: प्रदेश में उन स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े थे। इसके लिए 10 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया गया है।
राम पथ गमन योजना: प्रभु श्रीराम के वनगमन मार्ग और धार्मिक नगरी चित्रकूट के समग्र विकास हेतु 30 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण 507 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है।
पर्यटन को आधुनिक स्वरूप देने की पहल
पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए राज्य सरकार ने पर्यटन अधोसंरचना और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर ज़ोर दिया है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण लगभग 507 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है। पर्यटन अधोसंरचना के लिए 225 करोड़ रूपये, कंजर्वेशन और संवर्धन के लिए 50 करोड़ रूपये तथा पर्यटन नीति के क्रियान्वयन के लिए 55 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान को मिलेगा प्रोत्साहन
धार्मिक ग्रंथों, साहित्य और वैज्ञानिक अनुसंधानों को बढ़ावा देने के लिए ‘गीता भवन’ नामक वैचारिक अध्ययन केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी, सभागार और साहित्य सामग्री बिक्री केंद्र भी होंगे। इस योजना के लिए 100 करोड़ रूपये की राशि निर्धारित की गई है। संस्कृति विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के लिए 75 करोड़ रूपये और विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के लिए 60 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए तीर्थ यात्रा योजना
प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को नि:शुल्क तीर्थ यात्रा की सुविधा दे रही है। इस योजना के तहत अब तक 8 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इस वर्ष इस योजना के लिए रूपये 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें दिव्यांग नागरिकों को भी विशेष सुविधा दी जा रही है।
राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत बजट ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम है, जो प्रदेश को पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होगा। पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व के लिए 1,610 करोड़ रूपये का प्रावधान इस बात का प्रमाण है कि सरकार प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों के संरक्षण एवं विकास को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
ओंकारेश्वर महालोक, आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान, श्रीकृष्ण पाथेय योजना और राम पथ गमन योजना जैसी पहलें न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी, बल्कि प्रदेश की ऐतिहासिक पहचान को भी सशक्त करेंगी। इसके अलावा, गीता भवन जैसी योजनाएँ समाज में वैचारिक और बौद्धिक चेतना को बढ़ावा देने का कार्य करेंगी। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए तीर्थ यात्रा योजना सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है। पर्यटन अधोसंरचना, सांस्कृतिक आयोजनों और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए किए गए प्रावधान प्रदेश को एक वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाने में सहायक होंगे।
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