Madhya pradesh:  मुख्य सचिव को लेकर सस्पेंस, जैन और राजोरा के  बीच मामला फंसा..? आखिरी समय में राजोरा  ने लगाया दम..

भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले मुख्य सचिव को लेकर सस्पेंस बना हुआ है, हालांकि मुख्य सचिव को लेकर यह सस्पेंस 30 सितंबर को खत्म हो जाएगा. मध्यप्रदेश की मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा का एक्सटेंशन 30 सितंबर को खत्म होने जा रहा है. मध्यप्रदेश के अगले मुख्य सचिव के रूप में 3 मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. आमतौर पर प्रदेश के अगले मुख्य सचिव की नियुक्ति के पहले उन्हें ओएसडी के रूप में नियुक्त कर दिया जाता है और इसके साथ ही तय हो जाता है कि प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा। दिल्ली अभी भी अनुराग जैन पर अड़ी है, जबकि सीएम मोहन यादव राजेश राजोरा को चाहते हैं। आखिरी समय में राजोरा ने अपनी फाइल का काउंटर करने में पूरी दम लगा दी है।

मुख्य सचिव के प्रमुख  दावेदार
प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को दो बार एक्सटेंशन मिल चुका है. इसलिए तीसरी बार एक्सटेंशन मिलना मुश्किल माना जा रहा है. ऐसे में सोमवार को प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिल सकता है. मुख्य सचिव की रेस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा का नाम सबसे आगे है. वे मुख्यमंत्री के पसंदीदा अधिकारी भी हैं. मुख्यमंत्री ने राजौरा को अपना मुख्य सचिव बनाकर न सिर्फ उन पर भरेसा जताया, बल्कि उनका कद भी बढ़ा दिया था.राजौरा के अलावा अपर मुख्य सचिव गृह, परिवहन और जेल एसएन मिश्रा भी तगड़े दावेदार हैं. उनकी छवि सुलझे अधिकारी की रही है यही वजह है कि उन्हें गृह और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं लेकिन उनके रिटायरमेंट का समय कम बचा है. वे अगले साल जनवरी 2025 में रिटायर्ड होने वाले हैं. राजौरा और मिश्रा दोनों ही 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनके अलावा प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ अनुराग जैन का भी नाम मुख्य सचिव की रेस में है. वे 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. अनुराग जैन का रिटायरमेंट अगस्त 2025 में है. वे पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों की बागडोर संभाल चुके हैं और फिलहाल मोदी सरकार के पसंदीदा अधिकारी हैं।

वीरा राणा को मिल चुका एक्सटेंशन
मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा को दो बार एक्सटेंशन मिल चुका है. वीरा राणा को पिछले साल 30 नवंबर को मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. प्रदेश में मोहन सरकार बनने के बाद उन्हें मुख्य सचिव बनाया गया था. इसके बाद उन्हें एक्सटेंशन दिया गया था. दूसरी बार उन्हें अप्रैल से सितंबर तक का एक्सटेंशन मिला था. इससे पहले इकबाल सिंह बैस को भी मुख्य सचिव रहते हुए दो बार 6-6 माह का एक्सटेंशन दिया गया था।

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