दिल्ली: दिल्ली निर्भया कांड को 12 साल हो गए हैं. इस बीच, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) ने सोमवार की रात “बेखौफ आजादी मार्च” निकाला. इस दौरान छात्रों ने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के खिलाफ नारे लगाए. इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ छात्र आपत्तिजनक नारे भी लगाते दिख रहे हैं. JNU से होते हुए गंगा ढाबा, मुनिरका बस स्टॉप तक बड़ी संख्या में छात्रों ने मार्च निकाला. दरअसल, 12 साल पहले मुनिरका बस स्टॉप पर 23 वर्षीय पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था और उस पर जानलेवा हमला किया गया था. अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी.
BHU में आयोजित हुआ मशाल जुलूस और जागरूकता कार्यक्रम
वाराणसी में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भी दिल्ली में 12 साल पहले हुए निर्भया कांड की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. BHU के गेट लंका पर महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मेरी रातें, मेरी सड़कें अभियान का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन दखल, एपवा, आइशा और NSUI संगठनों की तरफ से किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत BHU गेट पर कविताओं, गीतों, महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा के मुद्दों पर हुई चर्चा से हुई. इस दौरान महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर सुरक्षा की भी मांग की गई. कार्यक्रम के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर BHU गेट से रविदास गेट होते हुए मशाल जुलूस निकाला गया.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को निर्भया का बस में सामूहिक बलात्कार हुआ था. निर्भया दिल्ली के मुनिरका में देर को अपने एक दोस्त के साथ फिल्म देखकर घर वापस आ रही थी. इस दौरान उसे कोई ऑटो नहीं मिला, आखिर में एक खाली बस पास आकर रुकी. ऐसे में रात ज्यादा होने की वजह से निर्भया और उसका दोस्त उस बस में चढ़ गए. हालांकि उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि उस बस में कोई भी यात्री नहीं था. इसके बाद निर्भया के साथ उस चलती बस में जो भी उसने न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया. साथ ही आक्रोश भी पैदा कर दिया.