ईशा गुहा ने बुमराह के लिए ‘प्राइमेट’ शब्द का इस्तेमाल करने पर मांगी माफी
इंग्लैंड की पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर ईशा गुहा ने जसप्रीत बुमराह के लिए ‘प्राइमेट’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगी है। यह शब्द 15 दिसंबर को गाबा टेस्ट के दूसरे दिन के बाद वायरल हुआ था। गुहा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया में बुमराह की शानदार गेंदबाजी के बारे में बात कर रही थीं।
‘प्राइमेट’ शब्द पर हुआ विवाद
भारतीय तेज गेंदबाज ने रविवार को सीरीज का अपना दूसरा फाइव विकेट हॉल प्राप्त किया था। भारतीय गेंदबाजों में वह अकेले ऐसे गेंदबाज रहे जो घातक साबित हुए। गुहा ने बुमराह को एमवीपी बताया। हालांकि, एमवीपी के सिंपल फुल फॉर्म ‘मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर’ की जगह उन्होंने ‘मोस्ट वैल्यूएबल प्राइमेट’ का इस्तेमाल किया। गुहा ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय तेज गेंदबाज को दूसरे छोर से कुछ समर्थन की आवश्यकता है।
बुमराह के बारे में कोई दुर्भावना नहीं थी
गुहा ने कहा, ‘एमवीपी – मोस्ट वैल्यूएबल प्राइमेट’ वह भारत के लिए काफी कुछ करने वाले गेंदबाज हैं। इस टेस्ट मैच की तैयारियों के लिए उन पर इतना ध्यान क्यों दिया जा रहा है और क्या वह आगे फिट हो पाएंगे?। उन्हें दूसरे छोर से कुछ समर्थन की जरूरत है। हालांकि, गुहा द्वारा इस्तेमाल किया गया ‘प्राइमेट’ शब्द सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फैंस ने इस शब्द के उपयोग के लिए उन्हें घेर लिया। कमेंटेटर ने सोमवार को गाबा टेस्ट के तीसरे दिन से पहले फॉक्स क्रिकेट पर अपने ऑन-एयर बयान के लिए माफी मांगी।
गुहा ने इस शब्द के उपयोग के साथ किसी भी तरह गलती के लिए माफी मांगी। अंग्रेजी कमेंटेटर ने कहा कि वह बुमराह की बस तारीफ करना चाहती थीं और उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अंत में गलत शब्द का इस्तेमाल किया। गुहा ने उम्मीद जताई कि लोग समझेंगे कि बुमराह के बारे में उनकी टिप्पणी में कोई दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘कल कमेंट्री में मैंने एक शब्द का इस्तेमाल किया था जिसका कई अलग-अलग तरीकों से मतलब निकाला जा सकता है। मैं किसी भी अपराध के लिए माफी मांगना चाहती हूं। जब दूसरों की सहानुभूति और सम्मान की बात आती है तो मैं खुद के लिए सच में उच्च मानक स्थापित करती हूं।’
मेरा इरादा सम्मानित करने का था
उन्होंने कहा, ‘अगर आप पूरी कॉपी सुनेंगे’ तो मेरा मतलब भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक की सबसे ज्यादा तारीफ से था। बुमराह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी मैं बहुत प्रशंसा करती हूं। मैं समानता में विश्वास रखती हूं और कोई ऐसा व्यक्ति जिसने अपना करियर इस खेल को जीने और समझने के बारे में बिताया है, उनका मैं सम्मान करती हूं।
उन्होंने कहा, ‘मैं बुमराह की उपलब्धियों को दर्शाने की कोशिश कर रही थी और मैंने गलत शब्द चुना और इसके लिए मुझे गहरा खेद है। दक्षिण एशियाई मूल के व्यक्ति के रूप में मुझे उम्मीद है कि लोग समझेंगे कि वहां कोई अन्य इरादा या दुर्भावना नहीं थी और मुझे उम्मीद है कि यह इस टेस्ट में विवाद का जरिया नहीं बनेगा। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि यह मैच कैसे आगे बढ़ता है।’ भारतीय क्रिकेट के दिग्गज रवि शास्त्री ने माफी मांगने वाली ईशा गुहा की इस बहादुरी के लिए तारीफ की है। पूर्व भारतीय कोच ने यह भी बताया कि वह भारतीय शिविर के संपर्क में थे और गुहा की टिप्पणी से भारतीय क्रिकेटर आहत नहीं हैं।