660 करोड़ की दवा खरीदी में गड़बड़ी, सदन के आखिरी दिन में उठा मसला, इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने का बड़ा ऐलान

रायपुर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सीजीएमएससी द्वारा मोक्षित कॉर्पोरेशन से 660 करोड़ रुपए के रिएजेंट खरीदी में अनियमितता का मामला प्रमुखता से उठा। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस शासनकाल में हुई रिएजेंट खरीदी का मामला उठाया। विधायक ने इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों ने भी इसका समर्थन किया। विधायक धरमलाल कौशिक, राजेश मूणत, सुशांत शुक्ला की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा, पिछली सरकार में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार हुआ। बिना जरूरत, बिना मांग के रिएजेंट की आपूर्ति की गई। 28 करोड़ रुपए के रिएजेंट खराब हो गए हैं और और भी खराब होने की आशंका है। विधायक की मांग पर इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराई जाएगी। 

ऑडिट में अनियमितताएं पकड़ी गईं

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा, पिछली सरकार के संरक्षण में मोक्षित कॉर्पोरेशन ने बाजार भाव से कहीं अधिक कीमत पर रिएजेंट की आपूर्ति की और कांग्रेस व कंपनी ने भारी मुनाफा कमाया। प्रधान महालेखाकार कार्यालय के ऑडिट ऑब्जर्वेशन ने रिएजेंट खरीद मामले में बड़ी अनियमितताएं पकड़ी थीं। ऑडिट ऑब्जर्वेशन 29 जनवरी 2021 से 15 मार्च 2021 तक किया गया। इस ऑडिट में 193 करोड़ रुपए की खरीद में आपत्तियां उठाई गईं।

ऑडिट रिपोर्ट में आपत्तियां उठाए जाने के बावजूद टेंडर निरस्त नहीं किया गया। मोक्षित कॉर्पोरेशन ने अपनी आपूर्ति जारी रखी। कांग्रेस ने अपने शासन काल में मांग से अधिक खरीद की और मांग से अधिक आपूर्ति की। इस खरीद प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच ईओडब्ल्यू या सीबीआई से कराई जानी चाहिए।

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