एक के बाद एक रोग पीछा नहीं छोड़ते तो करें ये उपाय, सूर्य देव की उपासना से टूटेगा बीमारियों से नाता

हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष मास के बाद पौष मास आता है. साल 2024 में पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई थी. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इस माह में सूर्य का तेज कम हो जाता है जिससे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सूर्य का तेज कम होने के कारण शरीर में खुजली, दाने होना, चर्म रोग, आंख के रोग, पेट की समस्या आदि सभी होने का खतरा बना रहता है. सूर्य देव ग्रहों के स्वामी हैं, अगर सूर्य देव कुंडली में मजबूत स्थिति में हैं तो इन सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. सूर्य देव को मजबूत करने के लिए धार्मिक ग्रंथ स्तोत्रावली आदि में सूर्य देव को मजबूत करने और शुभ फल प्रदान करने के बहुत से स्तोत्र मंत्र जाप का वर्णन दिया गया है.

ऐसे करें सूर्य देवता को प्रसन्न
किन स्तोत्र और मंत्रों के जाप से पौष मास में सूर्य मजबूत होंगे इसकी जानकारी लोकल 18 के साथ साझा करते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि “आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ करने से सूर्य देव कुंडली में कमजोर होने पर भी शुभ फल प्रदान करते हैं. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ सूर्य देव को समर्पित होता है. अगर रोजाना आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि करके अपने नित्य कार्यों से निवृत होकर घर के देवालय या किसी सिद्ध पीठ स्थल पर किया जाए तो शरीर में होने वाले रोगों से मुक्ति मिल जाती है. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि आदित्य हृदय स्तोत्र के साथ सूर्य देव के 12 नाम वाले मंत्र का जाप करना भी विशेष लाभदायक होता है. सूर्य देव ग्रहों के स्वामी हैं और उनके 12 नाम वाले मंत्र जप करने से अन्य सभी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं.

सूर्य देव के 12 नाम वाले मंत्र
ॐ सूर्याय नम:
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मारीचाय नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सावित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:

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