IAS शैलबाला मार्टिन ने मंदिरों के लाउडस्पीकरों पर उठाया सवाल, छिड़ गई बहस

IAS Shailbala Martin: मध्य प्रदेश में इन दिनों मंदिरों पर बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर चर्चा गरमा गई है. इस मामले में एक महिला आईएएस अधिकारी के ट्वीट के बाद विवाद और गहरा गया है. इस आईएएस अधिकारी का नाम शैलबाला मार्टिन है. शैलबाला 2009 बैच की मध्य प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में वह लोक प्रशासन विभाग यानी जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं. हाल ही में उन्होंने बीते रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मंदिरों और मस्जिदों दोनों के लाउडस्पीकरों के उपयोग पर सवाल उठाए, जिसके बाद वह चर्चा में हैं।

असल में मोहन यादव सरकार ने पिछले साल ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया था, जिसमें धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के उपयोग को सीमित करने की बात कही गई थी. अब एक पत्रकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस संबंध में ट्वीट किया, जिसमें मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के उपयोग और बाहर बजने वाले डीजे की प्रथा पर सवाल किया था. इसी ट्वीट का रिप्लाई देते हुए आईएएस शैलबाला ने मंदिरों के लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सवाल खड़े किए।

मध्यप्रदेश सरकार में अतिरिक्त सचिव के रूप में पोस्टेड 2009 बैच की आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने एक्स पर पोस्ट किया कि, “और मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता।”

बता दें कि, मध्यप्रदेश में ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा तभी से गरमाया हुआ है जब से डीजे की तेज ध्वनि के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी। उस विषय पर भी बात करते हुए आईएएस शैलबाला मार्टिन ने कहा था कि, “माननीय मुख्य मंत्री महोदय के आदेश का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ होना चाहिए था। ये बहुत सोच समझ कर दिया गया आदेश था।”

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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