एडवाइजरी कंपनी के नाम पर फर्जीवाडा, हुआ पर्दाफाश, ठगी में एमबीए और बीई के छात्र शामिल
इंदौर: क्राइम ब्रांच ने इंदौर के विजयनगर इलाके में संचालित ऑनेस्ट टेक्नोलॉजी नाम की एडवाइजरी कंपनी पर छापा मारा है. यह कंपनी स्कीम नंबर 54 स्थित कृष्णा बिजनेस सेंटर के फ्लैट नंबर 408 से संचालित हो रही थी. धार जिले के एक युवक की शिकायत पर कार्रवाई की गई. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि कंपनी सेबी से मान्यता प्राप्त नहीं है और ग्राहकों को ठगने के लिए फर्जी तरीके अपना रही है. क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची और लाइसेंस मांगा, लेकिन आरोपी इसे पेश नहीं कर सके. इसके बाद पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने ले गई. क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक आरोपी जोइपर सॉफ्टवेयर और फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर ग्राहकों से संपर्क करते थे।
इस दौरान ठगी के लिए वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर का इस्तेमाल किया जाता था. बदनावर निवासी ऋषभ नाम के शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने सेबी रजिस्टर्ड क्यूआर कोड और यूपीआई के जरिए निवेश के तौर पर पेमेंट किया था. लेकिन बाद में आरोपियों ने संपर्क करना बंद कर दिया. आरोपियों ने करीब 1 हजार लोगों से संपर्क कर ठगी की योजना बनाई थी. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कंपनी के मालिक अमित खंडूजा (निवासी परदेशीपुरा), पार्टनर राहुल चौधरी (निवासी देवास), मैनेजर महिपाल सिंह (निवासी देवास) और कर्मचारी सूरज मालवीय (निवासी एमआर 11, इंदौर) को गिरफ्तार किया। इन सभी पर बीएनएसएस की धारा 318(4), 316(5), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी अमित एमबीए कर चुका है और पहले प्राइवेट नौकरी करता था। उसका पार्टनर राहुल बीई इंजीनियर है। मैनेजर महिपाल 12वीं पास है और सूरज बीकॉम ग्रेजुएट है, जो पहले एडवाइजरी कंपनी में काम कर चुका है। आरोपियों से 18 मोबाइल, 6 लैपटॉप, 2 सीपीयू और कई फर्जी सिम कार्ड बरामद हुए हैं। जांच में पता चला कि आरोपियों ने करीब 1 हजार लोगों से संपर्क कर ठगी की योजना बनाई थी।