भोपाल। होटल ताज में न्यू ईयर पार्टी का टिकट बुक कराने के लिये महिला नायब तहसीलदार को ऑन लाइन नंबर सर्च कर उस पर संपर्क करना महंगा पड़ गया। यह नंबर सायबर ठग का था, जिसने उन्हें टिकट बुक कराने का झांसा देते उनके पति के एकाउंट से 2 लाख 64 हजार की रकम उड़ा दी। महिला अधिकारी के पति अंकित दुबे सीआईएसएफ में असिस्टेंट कमाडेंट हैं, पत्नि ने उनके क्रेडिड कार्ड से पैमैंट करने की बात करते हुए सारी डिटेल शेयर करने के साथ ही ओटीपी भी बता दिया। थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अंकित दुबे सीआईएएसएफ में असिस्टेंट कमाण्डेंट के पद पर हैं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग छिंदवाड़ा जिले में हैं। उनकी पत्नी नायब तहसीलदार हैं। पत्नी परिवार के साथ शाहपुरा में रहती हैं। बीती 31 दिसंबर को परिवार ने नए साल की पार्टी के लिए होटल ताज जाने का प्लान बनाया था, लेकिन उनके पास होटल ताल का कोई संपर्क नंबर नहीं था। गूगल सर्च करने पर होटल ताज की वेबसाइट नजर आई उसको क्लिक कर उन्होंने दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल किया। दूसरी और से बात करने वाले व्यक्ति ने कहा कि बुकिंग के लिये बहुत कम टिकट बचे हुए हैं। आपको जल्दी टिकट की बुकिंग करनी होगी। बुकिंग के प्रोसेस की जानकारी लेने के बाद नायब तहसीलदार पत्नी ने कहा कि वे क्रेडिट कार्ड के जरिए पैमैंट करेंगी। नायब तहसीलदार पत्नी ने भुगतान के लिए अपने पति सहायक कमाण्डेंट अंकित दुबे के क्रेडिट कार्ड की डिटेल शातिर को बता दी। जालसाज ने उनको ओटीपी भेजा वह ओटीपी पति अकिंत दुबे के मोबाइल पर पहुंचा। नायब तहसीलदार की पत्नी ने पति को कॉल कर ओटीपी पूछा और युवक को बता दिया। विश्वास में लेने के लिये अज्ञात आरोपी ने पहले पहले 102 रुपए भेजे। और दूसरी बार में उसने क्रेडिट कार्ड के एकांउट से 2 लाख 64 हजार रुपए की रकम उड़ा दी। ढाई लाख से अधिक रकम निकलने का मैसेज आते ही अकिंत दुबे समझ गये की वह सायबर ठगी का शिकार हो गये है। उन्होंने होटल ताज से जानकारी जुटाई तब पता चला कि उनके टिकट की बुकिंग नहीं हुई और जो वेबसाइट और मोबाइल नंबर उन्होनें बताया है कि वह होटल ताज का नहीं है। इसके बाद उन्होनें पहले तो अपने स्तर पर जालसाज के बारे में पता करने की कोशिश की। इसके बाद मामले की शिकायत शाहपुरा थाने में की गई। शिकायत की जॉच के आधार पर पुलिस ने मोबाइल फोन नंबर 9343287665 के धारक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मोबाइल नंबर सहित उन बैंक खातों की डिटेल के आधार पर आरोपी की पहचान जुटाने के प्रयास कर रही है, जिनमें ठकी की रकम ट्रांसफर की गई है।