मौनी अमावस्या के दिन करें ये अचूक उपाय, पितृदोष से मिल जाएगी मुक्ति, खत्म हो जाएंगे सभी पाप!

हिंदू धर्म में आने वाले सभी त्योहारों का अपना महत्व है. हिंदू कैलेंडर में कुल 12 मास (महीने) आते हैं, जिसमें 12 अमावस्याओं का आगमन होता है. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का सभी अमावस्या में विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितर धरती लोक पर आते हैं और अपने वंशजों के आसपास ही रहते हैं. मौनी अमावस्या के दिन पितर प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इस दिन अपने पितरों के लिए धार्मिक अनुष्ठान करने का विशेष महत्व होता है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार मौनी अमावस्या पर कुछ खास मंत्रों का जाप करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख समृद्धि, खुशहाली का आगमन होता है. मौनी अमावस्या का आगमन माघ मास में होता है. साल 2025 में मौनी अमावस्या का आगमन 29 जनवरी को होगा.

मौनी कि सभी अमावस्या में मौनी अमावस्या का सबसे अधिक महत्व होता है. इस दिन साधक मौन रहकर व्रत आदि करते हैं. मौन रहकर व्रत करने से आत्म विकास, आत्म शांति, मानसिक विकास और मन को शांति मिलने की धार्मिक मान्यता है. मौनी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त धार्मिक अनुष्ठान, धार्मिक कर्मकांड, तर्पण, पिंडदान आदि करने से पितृ दोष से मुक्ति होती है और पितृ प्रसन्न होकर वंशजों को सुख समृद्धि, खुशहाली, धन संपत्ति आदि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. मौनी अमावस्या पर पितरों के निमित्त कर्मकांड, तर्पण आदि करने से पितृ दोष खत्म हो जाता है, तो वहीं पितर वंशजों से प्रसन्न होकर अपने लोक लौट जाते हैं.

कि मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके पवित्र ह्रदय से सूर्य देव, भगवान विष्णु और भगवान शिव के मंत्रो का जाप करने से सभी जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. जो जातक पितृ दोष, ग्रह कलेश, आर्थिक तंगी, आर्थिक समस्याओं, दुख, परेशानी से पीड़ित होते हैं उनके लिए मौनी अमावस्या का दिन बेहद ही खास होता है. मौनी अमावस्या के दिन जितने तिलों का दान किया जाता है उतने ही उनके पाप नष्ट हो जाते हैं. वहीं घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.

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