क्या तालिबान को सबक सिखाने पाकिस्तान ने वखान कॉरिडोर पर कर लिया कब्जा?
इस्लामाबाद। तालिबान और पाकिस्तान में तनाव के बीच अफगानिस्तान का वखान कॉरिडोर चर्चा में हैं। एक रिपोर्ट से पता चलता है कि पाकिस्तान ने चीन सीमा से लगे अफगानिस्तान के वखान कॉरिडोर पर कब्जा कर लिया है या फिर कब्जे की तैयारी कर रहा है। ये रिपोर्ट ऐसे समय आईं हैं, जब पाकिस्तान और तालिबान के बीच तनाव बना हुआ है। खबरों पर अभी तक पाकिस्तान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सवाल पूछा उठने लगे हैं कि क्या पाकिस्तान ऐसा कर सकता है। वखान कॉरिडोर करीब 350 किलोमीटर का एक तंग रास्ता है, जो अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत में आता है। इसके पूर्वी सिरे पर चीन की सीमा है, जबकि उत्तर में ताजिकिस्तान और दक्षिण में पाकिस्तान की सीमा है। इसके चलते यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान के रूप में उभरता है। कहा जा रहा है कि तालिबान को सबक सिखाने पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर पर कब्जा करने का फैसला किया है, लेकिन सवाल है कि क्या पाकिस्तान की सेना इस इलाके पर कब्जा कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी विश्लेषक इम्तियाज गुल का कहना है कि वखान की सीमा चीन से लगती है और बीजिंग अभी तक पाकिस्तान का सबसे पुराना और भरोसेमंद दोस्त है। वे कहते हैं कि बुनियादी सवाल यह है कि क्या चीन की सीमा पर फौजी कार्रवाई करके पाकिस्तान चीन को नाराज करना चाहेगा? वे आगे कहते हैं कि चीन ने वखान सीमा पर अपनी सीमा के अंदर एक बड़ी सैन्य पोस्ट बना रखी है, जिसका काम चरमपंथियों की आवाजाही पर नजर रखना है।
इम्तियाज ने कहा एक बात साफ है कि वखान कॉरिडोर पर चीन की सैन्य मौजूदगी है। इन हालात में पाकिस्तान ऐसा काम कर सकता है जिससे पहले से नाराज अफगान और नाराज हो जाएं और चीन को भी अपना दुश्मन बना ले। जनवरी 2023 में चीन की पेट्रोलियम कंपनी ने अफगान तालिबान के साथ आमू नदी के इलाके में तेल और गैस निकालने का करार किया था। अप्रैल 2023 में चीन ने अफगानिस्तान के कुछ इलाकों से बेशकीमती लिथियम धातु को निकालने के लिए करार हुआ, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में होता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि पाकिस्तान पहले से ही सीमावर्ती इलाकों में मुश्किलों में घिरा है। टीटीपी समेत कई चरमपंथी संगठन पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय हैं, जिनमें बलूच अलगाववादी समूह भी शामिल हैं। पिछले महीने आखिर में तालिबान की सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर 19 सैनिकों को मार डाला था। ऐसे में यह पाकिस्तान की गलती होगी कि वह उसे इलाके में जाकर कब्जा करे, जहां उसका दोस्त चीन भी नाराज हो जाए।