दिल्ली में 105 रुपये के कारण स्ट्रीट वेंडर का खाता फ्रीज, हाईकोर्ट ने दिया डीफ्रीज करने का आदेश

दिल्ली: यदि आपके खाते में अज्ञात नंबर से चंद रुपये भी आएं तो सावधान हो जाएं। ऐसे में तुरंत बैंक अथवा पुलिस को सूचना दे दें, अन्यथा आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसी ही दिक्कत का सामना दिल्ली में छोले-भटूरे बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर को करना पड़ा। खाते में मात्र 105 रुपये अज्ञात स्त्रोतों से आने पर यूनियन बैंक ने आंध्र प्रदेश पुलिस के आदेश पर उसका खाता फ्रीज कर दिया। इसका पता उसे तब चला जब उसने अपने खाते से पैसा निकालने का प्रयास किया। मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बैंक को साइबर धोखाधड़ी के संदेह में फ्रीज किए खाते को डीफ्रीज करने के निर्देश दिए हैं।

बैंक खाते को फ्रीज करना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन

न्यायमूर्ति मनोज जैन ने माना कि विक्रेता के बैंक खाते पर पूर्ण रोक लगाना उसके आजीविका कमाने के अधिकार का उल्लंघन है, जो अनुच्छेद 21 के तहत उसके जीवन के अधिकार का हिस्सा है। उन्होंने कहा, याचिकाकर्ता के पूरे बैंक खाते को फ्रीज करने का आदेश पारित करना एक गंभीर और प्रतिकूल निहितार्थ है और यह उसके कमाने और सम्मान के साथ जीने के अमूल्य अधिकार पर आक्रमण करता है।

साइबर धोखाधड़ी के संदेह में बैंक ने किया फ्रीज

दिल्ली में 35 रुपये प्रति प्लेट छोले-भटूरे बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर ने जब पाया कि वह अपना बैंक खाता संचालित करने में असमर्थ है तो उसने बैंक से संपर्क किया। इसके बाद बैंक ने उसे सूचित किया कि आंध्र प्रदेश पुलिस के निर्देश पर उसका खाता फ्रीज कर दिया गया है। ऐसा तब हुआ जब किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके खाते में 105 रुपये की राशि भेजी थी और वह राशि किसी साइबर धोखाधड़ी से जुड़ी थी। इसके बाद वेंडर ने बैंक को अपने बैंक खाते को डी-फ्रीज करने के निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

हाईकोर्ट ने दिया राहत का आदेश

विक्रेता ने कहा कि उसे न तो साइबर धोखाधड़ी के बारे में पता था और न ही वह इसमें शामिल था। उसने आगे कहा कि उसके बैंक खाते को फ्रीज करने से पहले उसे कोई पूर्व सूचना या सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। उसने कहा कि खाते को फ्रीज करने के कारण वह अपनी दैनिक बचत का उपयोग अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए भी नहीं कर सकता, जबकि उसके खाते में 1,22,556 रुपये की राशि जमा है। न्यायालय ने कहा कि बैंक खाते को लगातार फ्रीज करना उचित नहीं है, क्योंकि उसके पास इस बात का सबूत नहीं है कि वह इसमें शामिल था और वह अपनी आजीविका के लिए रोजाना की कमाई पर निर्भर था।

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