नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को अधिकारियों को सांसदों और विधायकों के कॉल या मैसेज का तुरंत जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता द्वारा इस संबंध में मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के बाद यह कदम उठाया गया है। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को लिखे पत्र में कहा था कि उन्हें बताया गया है कि कुछ अधिकारी विधायकों के पत्रों, फोन कॉल और मैसेज का जवाब नहीं देते हैं।
दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने विधायकों और सांसदों के साथ व्यवहार करते समय पालन किए जाने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में व्यापक निर्देश जारी किए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (जीएडी) नवीन कुमार चौधरी द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि निर्देशों का अक्षरशः सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि ऐसा कोई मौका नहीं होना चाहिए कि विधायकों या सांसदों को ऐसी शिकायतें करने के लिए बाध्य होना पड़े। इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अधिकारी के मूल्यांकन में यह एक महत्वपूर्ण इनपुट होगा। परिपत्र में प्रशासन, सांसदों और विधायकों के आधिकारिक व्यवहार के बारे में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी साझा की गई है, जिसे जीएडी ने 2020 में तैयार किया था।
इसमें कहा गया है कि सांसद या विधायक से प्राप्त संचार पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए। एसओपी में कहा गया है कि सांसद या विधायक द्वारा मांगी गई सूचना प्रदान की जानी चाहिए, जब तक कि वह ऐसी प्रकृति की न हो कि उसे देने से इनकार किया जा सके।इसके अलावा इसमें कहा गया है कि सांसद या विधायक से प्राप्त प्रत्येक संचार की 15 दिनों के भीतर पावती दी जानी चाहिए। उसके बाद अगले 15 दिनों के भीतर उत्तर दिया जाना चाहिए।
Source : Agency