अयोध्या। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में इस वर्ष का दीपोत्सव एक ऐतिहासिक पर्व बन गया है। प्रभु श्रीरामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद इस पर्व ने संतों और श्रद्धालुओं में एक विशेष उत्साह उत्पन्न किया है। अयोध्या के संत समाज ने इस दीपोत्सव पर विशेष हर्षाेल्लास व्यक्त करते हुए इसे एक अद्वितीय आयोजन बताया है, जो 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद संभव हुआ है।
स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की धरोहर बताया
अयोध्या के दशरथ महल के महंत बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि दीपावली और दीपोत्सव सनातन धर्म का आधार हैं, और इस बार का दीपोत्सव विशेष है क्योंकि प्रभु श्रीराम का अयोध्या में अपने धाम पर पुनः आगमन हुआ है। यह दीपोत्सव हमारे प्रभु श्रीराम को आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने का एक अद्वितीय अवसर है, जिससे संतजन हर्षित और पुलकित हैं। संतों का मानना है कि अयोध्या वही दृश्य फिर से प्रस्तुत कर रही है जो त्रेतायुग में श्रीराम के आगमन पर देखने को मिला था। संत समाज ने मौजूदा योगी सरकार का आभार भी व्यक्त किया है। उनका मानना है कि श्रीरामलला के पुनः विराजमान होने का यह दिव्य अवसर सरकार के प्रयासों का परिणाम है। संतों का कहना है कि सरकार ने अयोध्या की इस धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को फिर से संजीवित किया है, जिससे संपूर्ण संत समाज में प्रसन्नता है।