सारंगढ़ में पर्वतदान महोत्सव में शामिल हुए सीएम विष्णुदेव साय, अन्नदान की परंपरा का किया निर्वहन

सारंगढ़/बिलाईगढ़: छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के टिमरलगा में पर्वतदान अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। सीएम साय गुरुवार को आयोजित पर्वतदान (अन्न) एवं अश्वमेध यज्ञ महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्री राम की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया। सभी प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। साथ ही उन्होंने क्षेत्र के लोगों द्वारा दान किए गए अन्न की परिक्रमा कर अन्नदान की परंपरा का निर्वहन किया। इस आयोजन में शामिल लोगों ने जरूरतमंदों के बीच बड़ी संख्या में खाद्यान्न, आभूषण, कपड़े, बर्तन आदि का वितरण किया।

दूसरी ओर सीएम जशपुर के ग्राम घुघरी में आयोजित छत्तीसगढ़ नागवंशी समाज के वार्षिक महासम्मेलन में शामिल हुए और समाज को गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील मार्गदर्शन में हमारी सरकार आदिवासी समाज की उन्नति और उनके गौरव को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य सरकार नवा रायपुर में आदिवासी योद्धाओं की याद में एक संग्रहालय बना रही है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे।

विष्णुदेव साय ने X पर लिखा

सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर लिखा, ‘आज मुझे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम टिमरलगा में आयोजित पर्वतदान (अन्न) एवं अश्वमेध यज्ञ महोत्सव में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर मैंने भगवान श्री रामचंद्र जी की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया तथा समस्त प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। साथ ही क्षेत्रवासियों द्वारा दान किए गए अन्न की परिक्रमा कर अन्नदान की परंपरा का निर्वहन किया।’

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आम जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘टिमरलगा की पावन धरती पर यहां के ग्रामीणों द्वारा आयोजित पर्वतदान अश्वमेध महायज्ञ में शामिल होना हमारा सौभाग्य है। टिमरलगा गांव हमारे लिए कोई नया गांव नहीं है। आप लोगों ने मुझे इस क्षेत्र में कई बार सांसद बनाया है। मैं पहले भी सांसद के रूप में यहां आ चुका हूं। अब सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बन गया है।’

साय ने जताया आभार

सीएम साय ने कहा, ‘आप सभी के आशीर्वाद से मुझे भी प्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व मिला है। मुख्यमंत्री के रूप में आपके गांव में यह मेरा पहला आगमन है। टिमरलगा गांव में पर्वतदान अश्वमेध महायज्ञ के इतने बड़े आयोजन के लिए मैं सभी ग्रामवासियों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि आप लोगों ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। ऐसे आयोजनों से न केवल स्थानीय लोगों को लाभ मिलता है, बल्कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत को इसका पुण्य लाभ मिलता है।’

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह भी कहा, ‘भगवान राजा रामचंद्र हमारे छत्तीसगढ़ के भांजे हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका है। भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास के 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए थे। उन्होंने यहीं सबरी माता के जूठे बेर खाए थे, आज भी शिवरीनारायण यहीं स्थित है।’

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