मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना की विधिवत शुरुआत की

वाराणसी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्या की राजधानी काशी से रविवार को उत्तर प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना की विधिवत शुरुआत की। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर के दीक्षा प्रांगण में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कंप्यूटर के माउस को क्लिक कर प्रदेश के 69195 संस्कृत विद्यार्थियों के बैंक खाते में एक साथ 586 लाख रूपये की धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में स्थानांतरित किया। बैंक खातों में छात्रवृत्ति की धनराशि डिजिटली ट्रांसफर होने पर मौके पर मौजूद छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे। इसमें विश्वविद्यालय के 36 विद्यार्थी शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मंच से प्रतीकात्मक रूप से सुहानी, पूजा शुक्ला, रंजना, कृष्णा, आर्यन, अभिनव मिश्रा, स्मिता, अमन, योगेश दुबे, प्रिंस पाण्डेय, हर्ष मिश्रा सहित 12 बच्चों को छात्रवृत्ति उपलब्ध करायी। 

संस्कृत भाषा को भारतीय संस्कृति के ऊर्जा का स्वर बताया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि  संस्कृत भाषा को भारतीय संस्कृति के ऊर्जा का स्वर बताया। इसी ऊर्जा से हर व्यक्ति आह्लादित हो। गरीब एवं असहाय बच्चो के लिए छात्रवृति की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन संस्कृत भाषा का क्यों उपेक्षा किया गया यह समझ से परे है। अब तक संस्कृत के 300 बच्चों को ही छात्रवृति की व्यवस्था रही। संस्कृत के प्रथमा से आचार्य तक के सभी बच्चों को छात्रवृति की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए संस्कृत विद्यालयों को बच्चों का फार्म आदि भरवाने की औपचारिकता पूर्ण कराते हुए प्रयास करना होगा। गुरुकुल की परंपरा को पुनर्जीवित करने वाली संस्थाओं को खोलने के लिए लोगो का आह्वान करते हुए सीएम योगी ने कहा कि ऐसे विद्यालयों को प्रदेश की उनकी सरकार तत्काल मान्यता देगी और ऐसी संस्थाओं को स्वतंत्रता भी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री के नेतृत्व में भारत की सभ्यता, संस्कृति उठ खड़ी हुई है जिसको संस्कृत द्वारा उचित समय दिया जायेगा। संस्कृत केवल देववाणी ही नहीं है बल्कि भौतिक जगत की सभी समस्याओं की वैज्ञानिक बिधि भी है। संस्कृत को बढ़ाने हेतु शोध के कार्यों को आगे बढ़ाया जाये जिसके लिए सरकार शोध छात्रवृत्ति भी लेकर आएगी।

दुनिया का सांस्कृतिक एवं विद्या की राजधानी काशी में 235 वर्षीय पुराना 
उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि दुनिया का सांस्कृतिक एवं विद्या की राजधानी काशी में 235 वर्षीय पुराना है, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय। जो देव भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन कर रहा है।  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान लगातार इस दिशा में रहता है। समय में बदलाव के साथ हम भूल गये की बिना शास्त्रों के शस्त्र चलाना भी मुश्किल है और हम विदेशी आक्रान्त के नौ साल तक गुलाम बने रहे। उन्होंने मैकाले की शिक्षा पद्धति पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सनातन को अक्षुण रखने में हमारा भगवा बहुत बड़ा रोल अदा करता है। कुलपति ने कहा की 17 संस्कृत विश्वविद्यालय में सबसे पुराना सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय है जो कि लगभग 235 वर्ष से भी पुरानी है। मुख्यमंत्री ने अपने सुशासन के बल पर भारत का हृदयस्थल उत्तर प्रदेश को एक नयी दिशा दी है। 

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