छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश वन विभाग से मिलेंगे 8 बाघ, प्रस्ताव पर विचार

रायपुर: बाघों की लगातार घटती संख्या को देखते हुए मध्य प्रदेश वन विभाग ने छत्तीसगढ़ को 8 बाघ देने पर सहमति जताई है. इसमें 2 मादा और 6 नर बाघ शामिल हैं. इसका प्रस्ताव भेजने और नियमानुसार औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे शिफ्ट करने की पेशकश की गई है. हालांकि छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पड़ोसी राज्य से पलायन कर बाघों का लगातार मूवमेंट हो रहा है. इसे देखते हुए उन बाघों को यहां रोकने की कोशिश की जा रही है. यहां से अगर उन्हें जंगलों में सुरक्षित आवास और मूवमेंट और शिकार मिले तो वे स्थाई तौर पर डेरा जमा लेंगे।

इससे बाघों की संख्या में इजाफा होगा. आपको बता दें कि 2022 में जनगणना के बाद जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 17 बाघ हैं. जनगणना के दौरान नियमानुसार उनके शावकों को गिनती में शामिल नहीं किया जाता है. पिछले दो सालों में शावक अब वयस्क हो गए हैं. मध्य प्रदेश के कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश वन विभाग ने छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान को 4 और ओडिशा को 3 बाघ देने की पेशकश की है।

तीन राज्यों में बाघ देने की सहमति

मध्य प्रदेश वन विभाग छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान को 4 और ओडिशा को 3 बाघ देने को तैयार है। शर्त के मुताबिक, बाघों का चयन करने के लिए संबंधित राज्य के वन अधिकारियों को आना होगा और फिर स्थानीय पशु चिकित्सक की देखरेख में बाघों का चयन कर उन्हें स्थानांतरित करना होगा। संबंधित राज्य को सारा खर्च उठाना होगा।

साथ ही शिफ्टिंग के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। वहीं, इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। सभी शर्तें पूरी करने के बाद ही बाघ मिल सकेंगे। आपको बता दें कि राज्य सरकार की पहल पर केंद्र सरकार से 3 बाघों को लाने की अनुमति मिल गई है। इन्हें लाने के तुरंत बाद एटीआर में रखा जाएगा।

दोनों राज्यों में होगी चर्चा

मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा बाघ देने की पेशकश के बाद दोनों राज्यों के वन विभाग के अधिकारियों के बीच जल्द ही चर्चा होगी। राज्य सरकार से अनुमति मिलने पर सभी औपचारिकताओं के बाद बाघों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया जाएगा।

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